Jharkhand News: हेमंत सोरेन को HC से बड़ा झटका, ED के समन के खिलाफ याचिका खारिज; फिर SC जाएंगे CM!
Jharkhand News हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने ED के समन के खिलाफ याचिका को खारिज कर दी। शुक्रवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में ईडी के समन के खिलाफ याचिका पर सुनवाई हुई। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम एक बार फिर इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं।
By Manoj SinghEdited By: Shashank ShekharUpdated: Fri, 13 Oct 2023 08:30 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में ईडी के समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने राहत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने हेमंत सोरेन की याचिका को सुनवाई के योग्य नहीं माना। अदालत ने कहा कि याचिका अप्रासंगिक हो चुकी है। इसे खारिज किया जाता है।
ईडी ने हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए पांच बार समन जारी किया था, लेकिन वह एक बार भी वे उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने ईडी के समन को अवैध बताते हुए अदालत से इसे रद्द करने का आग्रह किया था।
हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं- कपिल सिब्बल
हेमंत सोरेन की ओर से ऑनलाइन पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है। ऐसे में उन्हें समन जारी करना उचित नहीं है। ईडी ने समन में यह स्पष्ट नहीं किया है कि उन्हें किस (आरोपित या गवाह) रूप में समन जारी किया है, इसलिए समन को रद्द कर देना चाहिए।
इस बीच ईडी का पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है। वे किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए। सबसे पहले ईडी ने समन जारी कर उन्हें 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था।
पांचवे समन में चार अक्टूबर को उपस्थित होने को कहा गया था, लेकिन सीएम उपस्थित नहीं हुए। अब समन की अवधि समाप्त हो गई है। ऐसे में समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं हैं। उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है।
पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 63 को चुनौती देने के मामले में ईडी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदन लाल चौधरी बनाम केंद्र सरकार के मामले में पहले ही तय कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाईकोर्ट इस मामले में कोई आदेश नहीं दे सकती है।दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिका को अप्रासंगिक ठहराते हुए सुनवाई योग्य नहीं बताया और खारिज कर दी। धारा 50 के मुताबिक एजेंसी को बिना किसी आधार के समन और बयान लेने का अधिकार है। धारा 63 के अनुसार समन करने वाले को सूचना देनी होगी। सूचना छुपाने को एक अन्य अपराध माना जाएगा।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं हेमंत सोरेन
सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। कानूनी जानकारों के मुताबिक, सीएम हेमंत सोरेन इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पहले हाईकोर्ट में पक्ष रखने का आदेश दिया था।इसके अलावा हेमंत सोरेन ईडी के अगले कदम का इंतजार कर सकते हैं। ईडी अगर उन्हें छठा समन करती है तो ईडी को स्पष्ट आधार बताना होगा। इसके बाद सीएम उस समन को तत्काल हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इसी आधार पर याचिका खारिज किया है कि समन की तिथि समाप्त हो गई है। ऐसे में याचिका अब अप्रासंगिक हो चुकी है।कब-कब ईडी ने किया समन
पहला समन- 14 अगस्त, दूसरा समन- 24 अगस्त, तीसरा समन- नौ सितंबर, चौथा समन- 23 सितंबर और पांचवां समन- चार अक्टूबर को जारी किया गया था।यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से झटका: ईडी समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिजयह भी पढ़ें: पीएम मोदी की उज्जवला योजना में लोगों की दिलचस्पी घटी, फ्री में सिलेंडर-चूल्हा देने पर भी नहीं ले रहे कनेक्शन
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