RSS के विद्या भारती स्कूलों में पढ़ते हैं 64,000 मुस्लिम बच्चे, ईसाई विद्यार्थियों की संख्या भी नहीं है कम
Jharkhand News in Hindi राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रभावित विद्या भारती के सरस्वती विद्या मंदिर के नाम से पूरे देश में संचालित स्कूलों में बड़ी संख्या में मुस्लिम व ईसाई संप्रदाय के बच्चे पढ़ते हैं। संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री अवनीश भटनागर दो दिनों के रांची प्रवास पर आकर कहा कि अभी पूरे देश में 12500 औपचारिक विद्यालय हैं चल रहे हैं।
संजय कुमार, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से प्रभावित विद्या भारती के सरस्वती विद्या मंदिर के नाम से पूरे देश में संचालित स्कूलों में भी अभी 64000 मुस्लिम और 10000 ईसाई बच्चे पढ़ रहे हैं। दर्जनों शिक्षक भी मुस्लिम हैं। अभी पूरे देश में 12,500 औपचारिक और 12,000 अनौपचारिक विद्यालय चल रहे हैं।
उस संस्था के अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर दो दिनों के प्रवास पर रांची आए हैं। उन्होंने कुछ समय निकालकर दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए उनके विद्यालय पूरी तरह से तैयार हैं।
वर्तमान में विद्या भारती के देशभर में 12,500 विद्यालय चल रहे हैं। इस विद्यालयों में 1.34 लाख शिक्षक कार्यरत हैं। नई शिक्षा नीति के तहत 96 प्रतिशत शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है।
आरएसएस के शताब्दी वर्ष 2025 तक देश में 15,000 औपचारिक विद्यालय प्रारंभ करने की योजना है। उस समय तक देश का कोई भी जिला और प्रखंड ऐसा नहीं होगा जहां विद्या भारती के विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर नहीं चल रहे होंगे।
उन्होंने कहा कि अभी 19वीं शताब्दी की शिक्षा प्रणाली को 20वीं शताब्दी के शिक्षक 21वीं शताब्दी के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यह शिक्षा कैसी होगी, सोचने वाली बात है।
भारत सरकार की घोषणानुसार एक अप्रैल 2024 से नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद इसमें बदलाव आएगा और विद्या भारती भी 21वीं शताब्दी के बच्चों को ध्यान में रखते हुए अपने शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।
अनौपचारिक विद्यालय के माध्यम से मतांतरण में आएगी कमी
जनजातीय क्षेत्रों में ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे विद्यालय के माध्यम से अवैध मतांतरण को मिल रहे बढ़ावा को रोकने के लिए विद्या भारती की योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियां इस क्षेत्र में लगभग 200 वर्षों से काम कर रही है। हम लोग तो लगभग 50-60 वर्षों से इस क्षेत्र में हैं। आने वाले समय में विद्या भारती की ओर से जनजातीय, पर्वतीय, सीमांत और पिछड़े बस्तियों में चलाए जा रहे अनौपचारिक विद्यालय के माध्यम से इसमें निश्चित रूप से कमी आएगी।
अभी झारखंड, बिहार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब सहित पूरे देश में लगभग 12,000 अनौपचारिक एकल विद्यालय समाज के सहयोग से चलाए जा रहे हैं। झारखंड में इनकी संख्या 623 है। यह पूरी तरह निशुल्क है। अगले दो वर्षों में इसे 15000 तक करने का लक्ष्य है।
विद्या भारती के स्कूलों में 64000 मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं
राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि विद्या भारती के स्कूलों में मुस्लिम और ईसाई बच्चे भी पढ़ते हैं। 64,000 मुस्लिम व 10,000 के लगभग ईसाई बच्चे हैं। 58,000 दिव्यांग बच्चे भी हैं। झारखंड में भी 7406 मुस्लिम बच्चे हैं। स्कूलों में कई शिक्षक भी मुस्लिम हैं।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 109 व मणिपुर में आठ विद्यालय चल रहे हैं। वहां चल रहे हिंसा के दौरान भी विद्या भारती के स्कूलों को कोई परेशानी नहीं हुई। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 1,700 विद्यालय हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में 1,100 व झारखंड में 214 हैं।
इस अवसर पर झारखंड व बिहार के क्षेत्र मंत्री रामअवतार नारसरिया, क्षेत्र संगठन मंत्री ख्यालीराम, प्रदेश सचिव अजय तिवारी, क्षेत्र प्रचार प्रमुख अखिलेश कुमार व प्रांत प्रचार प्रमुख जितेन्द्र तिवारी उपस्थित थे।