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Jharkhand News: रांची के होटवार जेल में 150 मोबाइल, ATS की कॉल ट्रैकिंग से हड़कंप; जांच के आदेश

Jharkhand News झारखंड के सबसे संवेदनशील और सुरक्षित रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल की साख पर बट्टा लग गया है। इस जेल की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यहां की प्रशासनिक व्यवस्था तक कठघरे में है। होटवार जेल में एक दिन में 150 मोबाइल चलते मिले हैं।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Fri, 03 Jun 2022 10:11 AM (IST)
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Jharkhand News: रांची के होटवार जेल में एक दिन में 150 मोबाइल चलते मिले हैं।
रांची, [दिलीप/प्रिंस]। Jharkhand News अंग्रेजों के जमाने वाला ये जेल आल इज वेल का दावा करता है। इसके बावजूद जब पुलिस तकनीकी सेल इस जेल की निगरानी करती है तो वहां एक साथ 150 मोबाइल खूंखार, कुख्‍यात कैदी चलाते हुए मिलते हैं। बात हो रही है, झारखंड के सबसे संवेदनशील और सुरक्षित मानी जाने वाली रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल की, ताजा खुलासे से इसके साख पर बट्टा लग गया है। इस जेल की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यहां की प्रशासनिक व्यवस्था तक कठघरे में है। इसे संदेह के घेरे में खड़ा किया है पुलिस के टेक्निकल सेल ने, जिसने छानबीन में इस बात का खुलासा कर दिया है कि बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार मे एक दिन में 150 मोबाइल चलते मिले हैं। बहरहाल, जेल प्रशासन की सख्ती के दावे को पुलिस के टेक्निकल सेल ने सिर्फ एक दिन की जांच में ही तार-तार कर दिया है।

पुलिस मुख्यालय ने अपनी जांच संबंधित सीलबंद रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है और आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा के साथ-साथ जेल में मोबाइल नेटवर्क को जाम करने के लिए जैमर को अपग्रेड करने की भी मांग की है। आइजी जेल मनोज कुमार ने इस रिपोर्ट के प्रति अनभिज्ञता जताई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि जेल में मोबाइल चलने संबंधित विस्तृत रिपोर्ट झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच से मांगा गया है, रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

होटवार जेल में झोल ही झोल, अपराधियों के हाथों बिक गए हैं जेल कर्मी

  • पुलिस पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार को सौंपी है सीलबंद रिपोर्ट
  • जैमर अपग्रेड करने व आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा
  • रांची के खेलगांव थाने में जेल में 199 सिमकार्ड चलने की एफआइआर
  • एटीएस की शिकायत पर दर्ज कराई गई है प्राथमिकी
  • जेल में मोबाइल का मिलता है टनाटन नेटवर्क
  • जेल में छापेमारी में मिलती है सिर्फ तंबाकू की डिबियां
  • जेल प्रशासन पर मिलीभगत का है आरोप
झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने भी अपने तरीके से पूरे मामले की छानबीन की तो पाया कि जेल में 199 सिमकार्ड चल रहे हैं। इसके बाद सिमकार्ड के नंबर, वाट्सएप नंबर, आइईएमईआई नंबर व वर्चुअल नंबर का पूरा ब्योरा रांची के एसएसपी को भेजा, जिसके आधार पर रांची के खेलगांव थाने में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है। सबसे बड़ी बात यह है कि जेल में पुलिस-प्रशासन की छापेमारी में केवल तंबाकू की डिबियां ही मिलती है, मोबाइल बरामद नहीं होता है।

धनबाद जेल से रंगदारी के बाद से ही अलर्ट है झारखंड पुलिस

मंडल कारा धनबाद के भीतर से गैंगस्टर अमन सिंह के माध्यम से डाक्टर से रंगदारी मांगने के बाद ही राज्य की जेलों की सुरक्षा पर सवाल उठा था। जेल के भीतर के सीसीटीवी कैमरे की छानबीन में भी जब जेल के भीतर से रंगदारी मांगने की पुष्टि हुई तब जेल आइजी ने धनबाद मंडल कारा के कारापाल को निलंबित कर दिया और काराधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा कर दी थी।

होटवार जेल में 199 सिमकार्ड चलने की पुष्टि के बाद खेलगांव थाने में दर्ज है प्राथमिकी

झारखंड एटीएस की रिपोर्ट में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में 199 सिमकार्ड चलने की पुष्टि के बाद रांची के खेलगांव थाने में थानेदार मनोज कुमार महतो के बयान पर खेलगांव थाना कांड संख्या 15/2022 में एक मार्च 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस प्राथमिकी में अमन साहू, अमन सिंह, सुजीत सिन्हा, शीतल महतो, हरिकिशोर प्रसाद उर्फ किशोर, सूरज कुमार सिंह, राजू सिंह, हरि तिवारी, उपरोक्त मोबाइल नंबरों के धारकों व केंद्रीय कारा होटवार के संलिप्त काराकर्मियों व अन्य को आरोपित किया गया है।

सैंकड़ों कैदी कर रहे मोबाइल का इस्‍तेमाल

पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी में यह आरोप है कि उक्त सभी नंबरों का उपयोग बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के विचाराधीन, सजायाफ्ता कैदियों ने किया है। कुछ वर्चुअल नंबर, कुछ वाट्सएप नंबर से विकास कार्यों में लगी कंपनियों के पदाधिकारियों, बड़े कारोबारियों व ठेकेदारों को धमकी दी जा रही है। इसके अलावा जेल से अपराधी फोन कर कारोबारियों से रंगदारी की मांग कर रहे हैं।

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