आरोग्य भवन बरियातू में जनजाति सुरक्षा मंच की प्रांतीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में जो भी आदिवासी अपना धर्म त्यागकर आदिवासी बन गए हैं ऐसे लोगों को आदिवासी होने का लाभ नहीं दिए जाने की मांग की गई।
By Neelmani ChoudharyEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 15 Mar 2023 12:36 AM (IST)
जागरण संवाददाता, रांची: आरोग्य भवन बरियातू में जनजाति सुरक्षा मंच की प्रांतीय बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने की। बैठक में सभी जिलों के संयोजक एवं सहसंयोजक उपस्थित हुए।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने संगठन के विस्तार पर दी जानकारी
जनजाति सुरक्षा मंच की इस बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री सूर्यनारायण सूरी ने संगठन के विस्तार एवं डीलिस्टिंग विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। बैठक में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक डॉ. राजकिशोर हादसा ने कार्तिक उरांव के द्वारा 1970 के दशक में डीलिस्टिंग के विषय पर विस्तार से जानकारी दी।
ईसाई बन चुके लोगों को न मिले आदिवासियों का लाभ
डॉ. हादसा ने कहा कि कि जो भी व्यक्ति अपनी रूढ़ीवादी परंपरा को त्याग कर ईसाई धर्म अपना चुके हैं, ऐसे लोगों को आदिवासी होने का लाभ मिलना बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैसे लोगों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर करना ही डीलिस्टिंग यानी आरक्षण के लाभ से वंचित करना है।
धर्मांतरण का मद्दा देश के लिए खतरनाक
जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य स्तरीय डीलिस्टिंग महारैली का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि
आज धर्मांतरण का मुद्दा देश के लिए बहुत ही खतरनाक बन गया है।
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