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PM Awas Yojana: झारखंड में जो लोग नहीं बनवा रहे घर, योजना से जल्द होगें वंचित

PM Awas Yojana in Jharkhand झारखंड में हजारों लोग ऐसे भी हैं जो आवास आवंटन के बावजूद काम शुरू नहीं करा पाए और ऐसे लाभुकों को अब योजना से वंचित भी किया जा सकता है। अब ऐसे तमाम लाभुकों का आवंटन रद होने की कगार पर है।

By Sanjay KumarEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 07:30 AM (IST)
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PM Awas Yojana in Jharkhand: झारखंड में अधर में लटका प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण।

रांची, राज्य ब्यूरो। PM Awas Yojana in Jharkhand एक अदद आवास को तरसते लोगों में से हजारों ऐसे भी हैं जो आवास आवंटन के बावजूद काम शुरू नहीं करा पाए और ऐसे लाभुकों को अब योजना से वंचित भी किया जा सकता है। काम शुरू नहीं होने के पीछे दो अहम कारण हैं जिसमें से पहला है बालू उपलब्ध नहीं होना। इसके अलावा कई लाभुक बरसात के मौसम में अपना कच्चा मकान छोड़ने को तैयार नहीं थे, जिस कारण से उन्होंने काम शुरू नहीं किया और अब ऐसे तमाम लाभुकों का आवंटन रद होने की कगार पर है।

सूचना के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना की बीस हजार से अधिक इकाइयों के लाभुकों को पहली किस्त अगर इस महीने के अंत तक नहीं मिली तो उनके लिए केंद्र सरकार कोई राशि आवंटित नहीं करेगा। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने विगत 25 अगस्त को समीक्षा के दौरान इस बात को स्पष्ट कर दिया है। जिसके बाद राज्य सरकार योजना को गति देने की कोशिश में जुट गई है। सभी नगर निकायों को इससे संबंधित आदेश दे दिए गए हैं और कहा गया है कि 30 सितंबर तक वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए स्वीकृत योजनाओं की पहली किस्त जारी नहीं होती है तो राशि प्रत्यर्पित श्रेणी में चली जाएगी और योजना रद मानी जाएगी। इसके पूर्व के वर्षों की लंबित योजनाओं के लिए अंतिम तिथि 5 सितंबर ही निर्धारित थी और उस दिन सैकड़ों की संख्या में आवंटन को रद भी कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, 2015-16 से 20-21 तक स्वीकृत योजनाओं में से 20594 आवासों के निर्माण कार्य का शुभारंभ समीक्षा की तिथि तक शुरू नहीं हो सका था। वर्षों से लंबित योजनाओं को 5 सितंबर को सरेंडर भी कर दिया गया। जिसके बाद भी 16 हजार से अधिक आवासों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। अब राज्य सरकार की कोशिश है कि किसी भी हाल में इन योजनाओं को समय पर शुरू कराया जाए, ताकि स्वीकृत आवासों का निर्माण समय पर हो सके।

सूत्रों के अनुसार, लाभुकों द्वारा निर्माण (बेनीफीशियरी लेड कंस्ट्रक्शन) योजनाओं की समीक्षा के क्रम में यह पाया कि चालू वित्तीय वर्ष में 16 हजार से अधिक योजनाएं शुरू नहीं हो सकी थीं। जबकि 2015 के बाद से 2020 तक चालू नहीं होनेवाली योजनाओं की संख्या 3 हजार से कुछ अधिक रही। पुरानी योजनाओं को अब रद भी कर दिया गया है।

इधर, राज्य सरकार ने इस वर्ष की योजनाओं के लिए 30 सितंबर तक काम शुरू कराने का लक्ष्य नगर निकायों को दिया है। ज्ञात हो कि 2015-16 से 2021-22 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 182541 आवासीय इकाइयां स्वीकृत की गई थीं जिनमें से 90440 इकाइयां ही पूरी हो सकी हैं।

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