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Jharkhand News: देश को तोड़ने के लिए की जा रही जातिगत गणना की बात, रांची आए RSS पदाधिकारी का बड़ा बयान

RSS की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य वी. भागैय्या ने कहा है कि देश को तोड़ने के लिए जाति आधारित गणना की बात की जा रही है। अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदू समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है। भागैय्या ने कहा कि भारत में जब-जब हिंदू बंटा देश गुलामी में चला गया। इसलिए राष्ट्र सर्वोपरि है का भाव रखते हुए समाज तोड़ने वालों से सावधान रहना है।

By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sat, 21 Oct 2023 08:50 PM (IST)
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देश तोड़ने के लिए की जा रही जाति आधारित गणना की बात: वी भागैय्या। (जागरण फोटो)

संजय कुमार, रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह सरकार्यवाह व वर्तमान में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य वी भागैय्या ने कहा है कि देश को तोड़ने के लिए जाति आधारित गणना की बात की जा रही है। अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदू समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने पूछा कि भगवान बिरसा मुंडा, महात्मा गांधी, महाराणा प्रताप, महर्षि बाल्मीकि, तिलक और शिवाजी जैसे लोगों की जाति क्या थी? अपनी एक जाति है और वह है हिंदू। धर्म, संस्कृति, जन्म स्थान, परंपरा आदि के आधार पर हिंदू हमारी राष्ट्रीयता है।

शनिवार को कडरू मैदान में आयोजित शस्त्र पूजन और विजयादशमी उत्सव समारोह को संबोधित करते हुए संबोधन में भागैय्या ने कहा कि भारत में जब-जब हिंदू बंटा देश गुलामी में चला गया। इसलिए राष्ट्र सर्वोपरि है, का भाव रखते हुए समाज तोड़ने वालों से सावधान रहना है। छुआछूत को समाप्त करते हुए समाज को संगठित करना है।

अनुसूचित/जनजाति समाज के बंधुओं को नहीं मिला उचित सम्मान

उन्होंने कहा कि अपने अतीत में अनुसूचित जाति व जनजाति बंधुओं को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह नहीं मिला। इसलिए अभी उन्हें विशेष संवैधानिक सुविधाएं मिलनी ही चाहिए, ताकि वे भी समरस समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

आत्मबल के लिए करनी है शक्ति की उपासना

भाग्गैया ने कहा कि हम भक्ति तो करते ही हैं परंतु आत्मबल के लिए शक्ति की उपासना करनी है। आज भारत आकाश, पताल, अंतरिक्ष व समुद्र हर क्षेत्र में प्रगति का परचम लहरा रहा है।

आज विश्व में मानवता की रक्षा के लिए भारत के ऊपर बड़ा दायित्व है। देश की स्वाधीनता के साथ-साथ सामूहिक शक्ति का एक उदाहरण 1975 का आपातकाल था, जिसमें लोकतंत्र की जीत हुई और तानाशाह हार गया।

शक्ति उपासना का केंद्र शाखा है

भाग्गैया ने कहा कि शक्ति उपासना का केंद्र संघ की शाखा है। इसलिए नियमित एक घंटे संघ की शाखा पर आना चाहिए। जिन बस्तियों और मंडलों में शाखा नहीं है, वहां साप्ताहिक मिलन केंद्र स्वयंसेवकों को प्रारंभ करना चाहिए, जिसमें समाज के लोगों को बुलाना चाहिए।

उन्होंने स्वयंसेवकों के साथ-साथ समाज के लोगों से पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधा लगाने के साथ उसका संरक्षण करने, अपने-अपने घरों से पानी बचाने की शुरुआत करने और पालीथीन का उपयोग नहीं करने का आह्वान किया। इस अवसर पर क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन व नगर संघचालक पवन मंत्री उपस्थित थे।

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