सीबीआई ने साहिबगंज में 1250 करोड़ के अवैध पत्थर खनन मामले में भगवान भगत के लाकर से 42.68 लाख रुपये की नकदी और आभूषण बरामद किए। यह बरामदगी अवैध पत्थर खनन के मामले में की गई छापेमारी के दौरान हुई। इससे पहले भी सीबीआई ने इस मामले में कई ठिकानों पर छापेमारी कर लगभग 61 लाख रुपये नकदी और सोना-चांदी के जेवरात बरामद किए थे।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: साहिबगंज में 1250 करोड़ के अवैध पत्थर खनन मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत अनुसंधान कर रहे सीबीआइ ने सोमवार को पंकज मिश्रा के सहयोगी भगवान भगत के लाकर से 42 लाख 68 हजार 144 रुपये का आभूषण व नकदी बरामद किया है।
आरोपित के सामने व स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में सीबीआइ ने उसके लाकर की तलाशी ली। लाकर से एक सोने का कंगन, एक सोने की चेन, 12 सोने के सिक्के, सोने की चूड़ियां, अंगूठियां व अन्य सोने-चांदी के आभूषण की बरामदगी हुई है। इसकी कुल कीमत 39 लाख 12 हजार 194 रुपये आंकी गई है। इसके अलावा लाकर से तीन लाख 55 हजार 950 रुपये नकदी की भी सीबीआइ ने बरामदगी की है।
इससे पहले 4 और 5 नवंबर को भी हुई थी छापामारी
इससे पूर्व चार व पांच नवंबर को सीबीआइ ने अवैध पत्थर खनन के इस मामले में पंकज मिश्रा के सहयोगी भगवान भगत व उनसे जुड़े 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में सीबीआइ ने करीब 61 लाख रुपये नकदी के अलावा एक किलोग्राम सोना, 1.25 किलोग्राम सोने-चांदी के जेवरात व 61 कारतूस जब्त किया था।
छापेमारी में शेल कंपनियों व चल-अचल संपत्ति में निवेश से संबंधित कागजात भी मिले थे। इसमें सीबीआइ को सिर्फ भगवान भगत के ठिकाने से एक किलोग्राम सोने की ईंट व सोने के कंगन के अलावा 61 कारतूस मिले थे। इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए सीबीआइ ने सोमवार को भगवान भगत के लाकर की तलाशी ली, जिसमें 42.68 लाख रुपये के आभूषण व नकदी की बरामदगी की है।
हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने की थी प्राथमिकी
साहिबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध पत्थर खनन मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआइ ने 20 नवंबर 2023 को प्राथमिकी दर्ज की थी। पत्थर खनन मामले के शिकायतकर्ता रहे विजय हांसदा की गवाही से मुकरने के बाद हाई कोर्ट ने सीबीआइ को जांच करने का आदेश दिया था।
इसमें जो आरोपित बनाए गए थे, उनके विरुद्ध जांच में यह खुलासा हुआ है कि उन आरोपितों ने बड़े पैमाने पर अवैध पत्थर खनन किया। इससे राज्य सरकार को भारी मात्रा में राजस्व का नुकसान हुआ। आरोपितों ने अवैध धन का विभिन्न माध्यमों से निवेश किया। कुछ ने शेल कंपनियों में काले धन का निवेश किया और अपनी अवैध गतिविधियां संचालित की।
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