Jharkhand: सालखन मुर्मू ने RSS सरसंघचालक से मिलने के लिए मांगा समय,सरना धर्म कोड पर विश्वास में लेने का प्रयास
आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड समेत अन्य मांगों को लेकर पांच राज्यों में अभियान चला रहे आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू अपनी बातों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख के समक्ष रखना चाहते हैं। उन्होंने आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत को पत्र भी लिखा है।
By Pradeep singhEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 19 Feb 2023 09:38 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची: आदिवासियों के लिए जनगणना कालम में सरना धर्म कोड की मांग समेत अन्य मांगों को लेकर पांच राज्यों में अभियान चला रहे आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू अपनी बातों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख के समक्ष रखना चाहते हैं।
मोहन भागवत ने लिखा पत्र
उन्होंने सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि आदिवासी समाज के कुछ बुनियादी मुद्दे हैं। इसपर वे चर्चा करना चाहते हैं। उनका संगठन आदिवासी सशक्तिकरण अभियान चलाता है, जिसकी सक्रियता झारखंड समेत बंगाल, बिहार, ओडिशा और असम के आदिवासी बहुल जिलों में है।
सरना धर्म कोड की मांग है पुरानी
सरना धर्म कोड की मान्यता की मांग पुरानी है। वे महतो या किसी अन्य जाति को वोट बैंक के लालच में राजनीतिक दलों द्वारा आदिवासी का दर्जा देने के भी विरुद्ध हैं। पारसनाथ पहाड़ को बचाने के लिए भी वे आंदोलन चला रहे हैं। उन्होंने आरएसएस प्रमुख की सराहना करते हुए पत्र में लिखा है कि उनके नेतृत्व में संघ सभी समाज कीसमस्याओं पर चिंतन-मंथन के साथ समाधान की कोशिश करता है। उनकी भी इच्छा है कि आदिवासियों के बुनियादी मुद्दों पर भी चर्चा की जाए।
बाबूलाल मरांडी को सौंपा है ज्ञापन
पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने हाल ही में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। उन्होंने सेंगेल की तरफ से ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें सरना धर्म कोड लागू करने, प्रखंडवार नियोजन नीति लागू करने, कुर्मी को एसटी नहीं बनने देने की मांग उठाई है।उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई है कि संताल परगना में कुछ समुदायों का दबदबा बढ़ रहा है। मतांतरित आदिवासियों को एसटी की सूची से बाहर करना भी उनके एजेंडे में है।
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