Jharkhand News: विधायक कमलेश सिंह पर नहीं बनता दल-बदल का मामला, कहा- सिर्फ पार्टी प्रभारी के निर्देश का किया पालन
विधायक कमलेश कुमार सिंह शरद पवार का दामन छोड़ भतीजे अजीत पवार के धड़े में शामिल हुए तो महाराष्ट्र विस. के सदस्य जितेंद्र अवहद ने उनके खिलाफ दल-बदल का मामला दर्ज कराया। गुरुवार को विधानसभा के स्पीकर न्यायाधिकरण में इस मामले की सुनवाई हुई। कमलेश की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा गया कि उन्होंने पार्टी के निर्देशों का अनुपालन किया है। उन पर दल-बदल का मामला नहीं बनता है।
राज्य ब्यूरो, रांची। हुसैनाबाद के एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह के विरुद्ध दल-बदल का मामला नहीं बनता। उन्होंने एनसीपी के झारखंड प्रभारी प्रफुल्ल पटेल के निर्देशों का पालन किया है। गुरुवार को विधानसभा के स्पीकर न्यायाधिकरण में कमलेश कुमार सिंह के विरुद्ध दायर दल-बदल संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने यह दलील दी।
कमलेश सिंह पर नहीं बनता दल-बदल का मामला
स्पीकर न्यायाधिकरण में दर्ज मामले में गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से दलील पेश की गई।
शरद पवार गुट के एनसीसी के महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य जितेंद्र अवहद के अधिवक्ता ने कहा कि विधायक कमलेश कुमार सिंह का व्यवहार पार्टी के निर्देशों के खिलाफ है। ऐसे में उन पर दल-बदल का मामला बनता है।
अजीत पवार ने विधायकों से मांगा था शपथ पत्र
कमलेश कुमार सिंह की ओर से पक्ष रखते हुए कहा गया कि उन्होंने पार्टी के निर्देशों का अनुपालन किया है। उन पर दल-बदल का मामला नहीं बनता है।
शरद पवार की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि पिछले दो जुलाई को एनसीपी के कुछ विधानसभा सदस्य अजीत पवार गुट के साथ चले गए।
पांच जुलाई को शरद पवार ने बैठक बुलाई। सभी विधायकों को कहा कि वे शपथपत्र दें कि वे उनके साथ हैं। एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने सभी विधायकों को पत्र भेजा।
यह भी पढ़ें: Bihar Train Accident: बिहार रेल हादसे के बाद बदले गए कई ट्रेनों के रूट, धनबाद होकर चलीं आठ गाड़ियां; देखें लिस्ट
कमलेश सिंह की तरफ से नहीं आया जवाब
कमलेश कुमार सिंह ने कोई उत्तर नहीं दिया। विधानसभा को जवाब देते हुए उन्होंने खुद को अजीत पवार के साथ बताया है और अजीत पवार को एनसीपी का अध्यक्ष बता दिया।
सच्चाई यह है कि पार्टी ने अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल को निकाल दिया है। ऐसे में कमलेश कुमार सिंह पर दल-बदल का मामला बनता है। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया।
सुप्रिया सुले के अधिकार क्षेत्र में झारखंड नहीं
सुप्रिया सुले के अधिकार क्षेत्र में झारखंड नहीं प्रतिवादी कमलेश कुमार सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए कहा कि शरद पवार ने दो लोगों सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। सुप्रिया सुले के अधिकार क्षेत्र में झारखंड नहीं था।
प्रफुल्ल पटेल ने झारखंड प्रभारी के नाते कमलेश कुमार सिंह को जो निर्देश दिए, उसका उन्होंने अनुपालन किया। कमलेश कुमार सिंह का आचरण पार्टी के निर्देशों के अनुरूप है। दल-बदल का मामला उन पर नहीं बनता है।
स्पीकर न्यायाधिकरण में जल्द ही इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की जाएगी। उन्होंने कहा कि चूकी कमलेश सिंह अपनी पार्टी के झारखंड में इकलौता विधायक हैं।