बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्र मेडिकल-इंजीनियरिंग के अलावा क्या करें? करियर काउंसलर से जानें कौन-कौन से हैं विकल्प
एक ओर जहां बोर्ड की परीक्षा चल रही है वहीं बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों के करियर को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। आमतौर पर इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई इन बच्चों का विकल्प बनती है लेकिन ऐसे भी कई विकल्प मौजूद हैंजिससे बच्चे अपना भविष्य संवार सकते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 16 Mar 2023 09:28 PM (IST)
जागरण संवाददाता, रांची: एक ओर जहां दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा चल रही है तो दूसरी ओर छात्र और उनके अभिभावक अब अपने बच्चों के करियर को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। आमतौर पर इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा ही इन बच्चों का विकल्प बनती है लेकिन वर्तमान में कई ऐसे विकल्प भी मौजूद हैं जिसकी तैयारी बच्चे अपना करियर संवार सकते हैं।
क्या कहते हैं करियर काउंसलर विकास कुमार
करियर काउंसिलर विकास कुमार कहते हैं कि फिलहाल बच्चों को बोर्ड की परीक्षा पर ही फोकस रहना चाहिए। पूरी तरह से सिलेबस तैयार है तो बेशक प्रतियोगी परीक्षाएं आसान हो जाती है।
10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के बाद एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी को धार दें, जो परीक्षा बाकी है, उसे गंभीरता से लें और बिना समय गंवाए अपनी तैयारी में लग जाएं। करियर को लेकर तनाव लेने की जरुरत नहीं है, जो सामने है पहले उसमें अपना शत प्रतिशत दें, इसके बाद ही आगे का रास्ता चुनें...।
क्या है दसवीं बोर्ड के बाद छात्रों के लिए सलाह
सबसे पहले परीक्षा के बाद 10 दिन चैन से रहें और आनंद लें। कई स्कूलों में 11वीं में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगर आप अपने स्कूल को लेकर निश्चिंत हैं तो ठीक है, नहीं तो कम से कम 2 से 4 स्कूल के लिए आवेदन जरूर करें।
कई बार अपने मनपसंद स्कूल में दाखिला तो मिल जाता है लेकिन मनपसंद विषय नहीं मिल पाता। फॉर्म भरते समय इस बात का खास ख्याल रखें। अप्रैल और मई का समय स्कूल के चुनाव और आराम में व्यर्थ न करें। किसी न किसी कोचिंग संस्थान या शिक्षक के साथ अपनी पढ़ाई शुरू कर दें।
करियर चुनाव है पहली सीढ़ी
करियर चुनाव की पहली सीढ़ी है स्ट्रीम का चुनाव, साइंस, आर्ट्स और कामर्स...। कोई भी विकल्प बहुत अच्छा या खराब नहीं होता। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी अभी तक की पढ़ाई का क्या लेवल है, रूचि क्या है और किसमें आपके एक्सेल करने की संभावना है। इसके बाद यह जानना जरूरी है कि किस एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी आपको करनी है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।करियर ऑप्शन फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स वालों के लिए
जेईई मेंस, जेईई एडवांस, बिट-सैट, सीओएमईडीके, डब्ल्यूबी जेईई, एनएटीए, सीयू-सैट, वीआईटी ईईई, एमईटी और एसआरएम जेईई, केआईआइटीईई है। जबकि फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी लेने वालों के लिए नीट सबसे बेहतर ऑप्शन है।कॉमर्स और आर्ट्स के छात्रों के लिए सीए, आईआईएम इंदौर के लिए आईपी-मैट, आईआईएम रोहतक के लिए एंट्रेंस टेस्ट, आईआईएम जम्मू और गया लिए एंट्रेंस टेस्ट, लॉ में करियर के लिए क्लैट और एल-सेट, फैशन में करियर के लिए निफ्ट और एनआईडी, होटल मैनेजमेंट में एंट्रेंस के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन, बीबीए के लिए बैंगलुरु, पुणे, दिल्ली के टॉप संस्थान के एंट्रेंस एग्जाम बेस्ट ऑप्शन है। वहीं सभी स्ट्रीम वालों के लिए सीयूईटी-दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित देश 100 से ज्यादा संस्थानों में दाखिला के लिए और सैट - विदेश में एडमिशन लेने के लिए बेस्ट ऑप्शन है।क्या-क्या बरतें सावधानी
- स्कूल और बोर्ड परीक्षा को हल्के में न लें और न ही उससे भयभीत हों।
- स्कूल और बोर्ड की परीक्षा सब्जेक्टिव होती है और कोचिंग संस्थाओं में ज्यादा टेस्ट आब्जेक्टिव पैटर्न के होते हैं, इसलिए समय समय पर सब्जेक्टिव टेस्ट देना चाहिए नहीं तो जानने के बावजूद बोर्ड परीक्षा में नंबर नहीं आते हैं।
- इंजीनियरिंग और मेडिकल में करियर बनाने वाले छात्रों को ये साफतौर पर समझना होगा बेसिक बुक और एनसीईआरटी की किताब का अध्ययन बहुत जरूरी है।
- टाप रैंकर की नसीहत को तभी अमल करें जब आप उस लेवल पर हों।
- अपना लक्ष्य कैसे हासिल हो इस पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है न कि दूसरे क्या कर रहे हैं।
12वीं वाले क्या करें
- जेईई मेंस की तैयारी कर रहे विद्यार्थी को यह जानना जरुरी है कि जेईई मेंस में हर कैटेगरी के लिए अलग-अलग परसेंटाइल का बेंचमार्क होता है, अपनी कैटेगरी के अनुसार समझ कर आगे का रोडमैप तय करना चाहिए।
- 99 परसेंटाइल लेकर अति आत्मविश्वासी और 97 परसेंटाइल लेकर जेईई एडवांस्ड के लिए अपने मनोबल को कम करना चाहिए।
- अप्रैल और मई में जेईई एडवांस्ड की तैयारी करनी है या अन्य एंट्रेंस एग्जाम का ये ठीक से समझना चाहिए।
- जेईई मेंस क्वालिफाइड के बराबर परसेंटाइल का मतलब सिर्फ इतना है कि आप अपनी कैटेगरी के सबसे कम नंबर लाने वालों में है और आपको अपनी नई रणनीति बनानी होगी।
- प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा बीट-सैट है।
- कोई भी कॉलेज बड़ा या छोटा नहीं होता है, बड़ा या छोटा आपका परसेंटाइल होता है।
- जोसा काउंसिलिंग को ठीक से समझें, यह एक माह से ज्यादा चलने वाली प्रक्रिया है, ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक राउंड वाइज समझना जरूरी है।
- आईआईटी में लड़कियों का दाखिला 20000 से ज्यादा रैंक पर भी होता है इसलिए अपनी कैटेगरी के हिसाब से ठीक से समझें।
- आईआईटी और एनआईटी के अलावा ट्रिपल आईटी और जीएफटीआई भी जोसा काउंसिलिंग से मिलता है, बीआइटी मेसरा की भी काउंसिलिंग इसी से होती है।
- बीआईटी सिंदरी में भी दाखिला जेईई मेंस के आधार पर होती है।
नीट की तैयारी वाले क्या करें
- सही तरीके से सिलेबस खत्म करें।
- प्रीवियस ईयर क्वेश्चनायर बनाएं।
- फुल मॉक टेस्ट और पार्ट टेस्ट दें।
- बिना डिस्कशन का मॉक टेस्ट का पूरा लाभ नहीं है।
- काउंसिलिंग प्रक्रिया को समय रहते समझ लें।
- सरकारी और प्राइवेट सभी एमबीबीएस कॉलेज में दाखिला सिर्फ और सिर्फ काउंसिलिंग प्रोसेस से होती है, जो सरकार संचालित करती है।