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Jharkhand Sand Mining: एनजीटी ने झारखंड में बालू खनन पर लगी रोक हटाई, 49 घाटों से होगा खनन

Jharkhand Sand Mining News एनजीटी ने झारखंड में बालू खनन पर लगी रोक 16 अक्टूबर से हटा ली है। रांची में तीन घाट चालू होने से लेकर पूरे प्रदेश में 49 घाटों से बालू खनन की जा सकेगी। दो-तीन दिनों में कागजी कार्रवाई पूरी कर विभाग इसके लिए आदेश भी जारी कर देगा। इससे बालू की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।

By Ashish Jha Edited By: Mohit Tripathi Updated: Tue, 15 Oct 2024 09:57 PM (IST)
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प्रदेश में 49 घाटों से होगा खनन। (सांकेतिक फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) की ओर से झारखंड में बालू खनन पर लगी रोक 16 अक्टूबर से हटा ली जाएगी। इसके साथ ही रांची में तीन घाट चालू होने से लेकर पूरे प्रदेश में 49 घाटों से बालू खनन की जा सकेगी।

दो-तीन दिनों में तमाम कागजी कार्रवाई पूरी कर विभाग इसके लिए आदेश भी जारी कर देगा। इतने बड़े पैमाने पर घाटों के चालू होने का लाभ झारखंड के लोगों को मिलेगा और उम्मीद की जा रही है कि राज्य में बालू सस्ता होगा। सूत्रों के अनुसार मंगलवार से ही बालू की कीमतें कम होने लगी हैं।

राजधानी रांची में अभी एक घाट चालू है और अगले कुछ दिनों में घाटों की संख्या तीन हो जाएगी। श्याम नगर, चोकेसरंग और सारजमडीह जैसे बालू घाटों से खनन कार्य शुरू हो सकेगा।

ज्ञात हो कि झारखंड के बालू घाटों से खनन पर 10 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक एनजीटी की रोक हर वर्ष लगती है। इस दौरान स्टाक में जमा बालू से ही लोगों की जरूरतें पूरी की जाती हैं।

अभी कुछ घाटों के टेंडर नहीं होने से बड़े पैमाने पर आम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। बड़े पैमाने पर घाटों से खनन कार्य शुरू होने का लाभ आम लोगों को मिलेगा।

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दुर्घटना में मृत वकील के परिजनों को 50.90 लाख मुआवजा देने का आदेश

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस सुभाष चंद की पीठ ने सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले अधिवक्ता के परिजनों को 50.90 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। पीठ ने इंश्योरेंस कंपनी बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कंपनी की ओर से मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती दी गई थी।

न्यायाधिकरण ने इंश्योरेंस कंपनी को सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले वकील अजीत कुमार के परिवार को मुआवजा के भुगतान का आदेश दिया था। मंगलवार को पारित आदेश में पीठ ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, प्राथमिकी, चार्जशीट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए दुर्घटना का तथ्य पर्याप्त रूप से सिद्ध होता है।

न्यायाधिकरण का आदेश सही है। इसलिए कंपनी की याचिका खारिज की जाती है। बता दें कि वर्ष 2018 में धनबाद के अधिवक्ता अजीत कुमार की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी पत्नी मुन्नी कुमारी ने बीमा पालिसी के तहत इंश्योरेंस के लिए दावा किया था।

मोटर दुर्घटना ट्रिब्यूनल ने कंपनी को अजीत कुमार के परिजनों को 50.90 लाख मुआवजा भुगतान का आदेश दिया था। मोटर दुर्घटना न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ इंश्योरेंस कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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