आश्चर्य नहीं कि आने वाले दिनों में मैं गिरफ्तार हो जाउं, नेता और मुद्दों दोनों से विहीन हो चुका है विपक्ष- CM
अपने शासन काल के तीन साल पूरे करने वाले मुख्यमंत्री सोरेन आत्मविश्वास से लबरेज हैं। अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें आश्चर्य नहीं कि आने वाले दिनों में मुझे गिफ्तार न कर लिया जाय। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को मुद्दाविहीन बताते हुए जमकर हमला बोला।
रांची,राज्य ब्यूरो: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आत्मविश्वास से लबरेज हैं। गुरुवार को वे अपने शासनकाल के तीन साल पूरा कर लेंगे। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि विपक्ष उन्हें हिला-डुला नहीं सकता। अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने भविष्य की योजनाओं के साथ-साथ तमाम विषयों पर खुलकर बातचीत की।
आश्चर्य नहीं की मेरी गिरफ्तारी हो जाए
राजनीतिक हालात से संबंधित सवालों पर यहां तक कहा कि अगर उनकी गिरफ्तारी हो जाए तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा। जब शिबू सोरेन गिरफ्तार हो सकते हैं तो वे किस खेत की मनूली हैं। शिबू सोरेन जब देश के कोयला मंत्री थे तो विरोधियों ने कोर्ट-कचहरी कराया। जब हम सत्ता में नहीं रहेंगे तो गिरफ्तारी नहीं होगी। ऐसा भी दिन आएगा कि जो लोग ऐसा षड्यंत्र करेंगे, उनको दिक्कत होगी।
देश में राजनीति की नई लकीर गढ़ी जा रही
पत्थर खनन लीज लेने संबंधी सवाल पर कहा कि इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है। राजनीति में आने से पहले से उनके नाम पर खनन लीज था। वे सांसद, विधायक, उप मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष से होते हुए मुख्यमंत्री बने हैं। यह सच्चाई विपक्ष को नहीं दिखता है। देश में राजनीति की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है। विधायकों की खरीद-फरोख्त और केंद्रीय एजेंसियों का टूल की तरह उपयोग किसी से छिपा नहीं है।
झारखंडियों का नेतृत्व उन्हीं के बीच का व्यक्ति ही कर सकता है
राज्य के लोगों ने बीस वर्षों के अत्याचार और कुशासन का लंबा मंजर देखा है। आने वाले समय में पूर्व के बीस साल और उनके शासनकाल के तीन वर्षों का भी लोग आकलन करेंगे। वे न तो व्यापारी हैं और ना ही पूंजीपतियों का नेतृत्व करते हैं। उनके ऊपर आरोप लगाना आसान है क्योंकि वे ऐसे समाज से आते हैं जो आर्थिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से काफी कमजोर हैं। ऐसे लोगों का नेतृत्व इनके बीच का व्यक्ति ही कर सकता है।
मुद्दा और नेता दोनों से विहीन है विपक्ष
मुख्यमंत्री विपक्षी दल भाजपा को मुद्दा विहीन और नेता विहीन बताते हुए कहा कि ये बस सरकार गिराने का सपना देखते हैं। आलोचना करना अच्छी बात है, लेकिन आलोचना सकारात्मक होना चाहिए। इनके पास सरकार से करने के लिए कोई सवाल ही नहीं है। ये बस लेटकर सपने देखते हैं कि लिफाफा खुल गया और हेमंत सोरेन को हथकड़ी लगाकर ले जाया जा रहा है।
कहीं यह डबल गेम तो नहीं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्थर खनन लीज संबंधी मामले में निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए पत्र को लेकर अभी तक संशय की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के साथ कोई कड़वाहट नहीं है। वे संवैधानिक पद पर हैं। उन पर टीका-टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। लेकिन कुछ घटनाओं से ऐसा लगता है कि कहीं ये डबल गेम तो नहीं है। उन्होंने बयान दिया कि राजनीति समझने में समय लगता है। ये राजनीति करने आए हैं या राज्यपाल की हैसियत, यह तो वही बताएंगे।
2023 होगा योजनाओं का कार्यान्वयन वर्ष
हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2023 को राज्य सरकार कार्यान्वयन वर्ष के तौर पर मनाएगी। विविध योजनाओं को धरातल पर उतारने पर सरकार का फोकस होगा। लगातार 10 वर्ष शासन करने का मौका मिला तो वे राज्य को पिछड़े राज्यों की सूची से बाहर कर देंगे। कई चीजों पर काम करना है।
हमने लंबी लकीर खींची
सोरेन ने कहा कि हमने लंबी लकीर खींची है। तीन सालों में दो साल कोरोना से निपटने में गुजर गए। हमने स्पष्ट लक्ष्य और राह तय किया। हर चुनौती को अवसर में बदला। हम आपदा से नहीं घबराते। इस सरकार में बैठे लोग आंदोलन की उपज हैं। हम जितना इस राज्य को जानते हैं, विपक्ष उस प्रकार भावनाओं को नहीं जानता-समझता है।
सिर्फ पारसनाथ नहीं, सभी धार्मिक स्थलों पर हो रहा मंथन
हेमंत सोरेन ने पारसनाथ पर्वत को तीर्थ स्थल बनाने को लेकर चल रहे आंदोलन पर कहा कि सवाल सिर्फ एक स्थान का नहीं है। बल्कि बाबा धाम समेत सभी धार्मिक स्थलों को ध्यान में रखकर मंथन हो रहा है। यह पहले की सरकार का निर्णय है। सरकार व्यक्तिगत नहीं, सामूहिकता में निर्णय करती है।