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Jharkhand: शिक्षा विभाग में खुल रही आरोपों की पुरानी फाइल, 8 पदाधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में कार्रवाई

Ranchi स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में आरोपों की पुरानी फाइलें अब खुल रही है। विभाग ने पुराने मामलों में राज्य शिक्षा सेवा के आठ पदाधिकारियों के विरुद्ध अलग-अलग मामलों में कार्रवाई की है। इनमें से पांच सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

By Jagran NewsEdited By: Prateek JainUpdated: Fri, 20 Jan 2023 06:09 PM (IST)
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शिक्षा विभाग में खुल रही आरोपों की पुरानी फाइल, 8 पदाधिकारियों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में कार्रवाई।

रांची, राज्य ब्यूरो: स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में आरोपों की पुरानी फाइलें अब खुल रही है। विभाग ने पुराने मामलों में राज्य शिक्षा सेवा के आठ पदाधिकारियों के विरुद्ध अलग-अलग मामलों में कार्रवाई की है। इनमें से पांच सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि एक ने वीआरएस ले लिया है। दो पदाधिकारी अभी भी सेवा में हैं।

जिन सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है, उनमें दुमका के तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी धर्मदेव राय, माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक रहे रामयतन राम, हजारीबाग के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक नवल किशोर, विभिन्न जिलों में जिला शिक्षा अधीक्षक रहे छठू विजय सिंह तथा तुलसीदास शामिल हैं। इन सभी के विरुद्ध शिक्षकों एवं कर्मियों की मनमाने तरीके से प्रतिनियुक्ति करने, विभागीय आदेशों की अवहेलना करने, सूचना अधिकार अधिनियम के तहत आवेदकों को समय पर सूचना नहीं देने सहित अन्य अनियमितता के आरोप थे।

पेंशन में होगी 2 से 10 प्रतिशत की कटौती

बताया गया कि आरोपों की फाइल वर्षों से विभाग में डंप थी, इनमें चार पदाधिकारियों को दंडित करते हुए पेंशन से दो से 10 प्रतिशत की राशि एक से पांच वर्ष तक कटौती करने का निर्णय लिया गया है। जिन सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है, उनमें राम यतन राम माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक भी रहे हैं। पूर्व में आरोप होने के बाद भी वे इस पद पर पदस्थापित रहे तथा उनके विरुद्ध तबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इनकी फाइल विभाग में ही दबी रही। तुलसीदास के विरुद्ध तो संयुक्त बिहार के समय में ही भागलपुर में डीएसई रहते आरोप थे। उसके बाद से लेकर अब इनके विरुद्ध कार्रवाई हुई।

इधर, विभाग ने चार पदाधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया है। इनमें हजारीबाग के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक नवल किशोर के अलावा जामताड़ा के डीएसई रहे बृजमोहन कुमार, चतरा के डीएसई रहे जीतेंद्र सिन्हा तथा गोविंदपुर डायट के प्राचार्य रहे गोपाल कृष्ण झा शामिल हैं। इनमें गोपाल कृष्ण झा वर्तमान में जामताड़ा में जिला शिक्षा पदाधिकारी हैं। इनके विरुद्ध प्रशासनिक कार्यों में शिथिलता तथा कर्त्तव्य के पालन में लापरवाही के आरोप थे। अन्य तीन पदाधिकारियों के विरुद्ध कोर्ट मामले में विभाग को गलत जानकारी देने के आरोप थे। बृजमोहन कुमार ने वीआरएस ले लिया है जबकि जीतेंद्र सिन्हा सरायकेला खरसावां में जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।

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