राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि रामकृष्ण मिशन संस्था के लिए बहुत ही गर्व का विषय है कि इसकी स्थापना स्वामी विवेकानंद जी द्वारा अपने गुरू रामकृष्ण परमहंस की स्मृति में की गई थी। रामकृष्ण परमहंस के विचारों व उपदेशों के अनुरूप गठित यह एक मिशन था।
By Neelmani ChoudharyEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 12 Jan 2023 11:00 PM (IST)
जागरण
संवाददाता, रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि रामकृष्ण मिशन संस्था के लिए बहुत ही गर्व का विषय है कि इसकी स्थापना स्वामी विवेकानंद जी द्वारा अपने गुरू रामकृष्ण परमहंस की स्मृति में की गई थी। रामकृष्ण परमहंस के विचारों व उपदेशों के अनुरूप गठित यह एक मिशन था।
मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म
रामकृष्ण परमहंस का मानना था कि "मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।" वे गुरुवार को रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा राज्यस्तरीय वार्षिक प्रतियोगिता ‘नया भारत गढ़ो कार्यक्रम’ के प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
सक्रियता और समर्पण से बनाई अपनी पहचान
उन्होंने कहा कि रामकृष्ण मिशन ने समाज सेवा के क्षेत्र में प्रारंभ से ही सक्रियता एवं समर्पण से लोगों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यह संस्था शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य, कृषि, महिला सशक्तिकरण आदि के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है। संस्था लोगों को जागरूक करने की दिशा में और भी सक्रियता से कार्य करें, जिससे अधिक से अधिक मानव कल्याण एवं परोपकार हो सके।
प्रतियोगिता में 70 हजार विद्यार्थियों ने लिया भाग
प्रतियोगिता में 70 हजार से अधिक विद्यार्थियों व शोधार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। विद्यालय स्तर पर 66 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने आनलाइन एवं आफलाइन रूप से भाग लिया। विश्वविद्यालय स्तर पर 36 सौ से अधिक विद्यार्थियों शोधार्थियों ने भाग लिया।
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