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Jharkhand Politics : बागी नेता JMM की बढ़ाएंगे टेंशन? बड़े खेल की तैयारी में ये पार्टी, 14 लोकसभा सीटों पर...

Jharkhand Politics लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर झामुमो विधायक निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। चमरा लिंडा भी टिकट नहीं मिलने से पार्टी से नाराज चल रहे हैं। ऐसे में इन बागी नेताओं का सहारा बनकर झारखंड पार्टी सामने आई है और इन नेताओं का खुलकर समर्थन किया है। दरअसल झापा झारखंड में 14 सीटों पर चनाव लड़ने का दावा किया है।

By Manoj Singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Wed, 17 Apr 2024 07:35 PM (IST)
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Jharkhand Politics : बागी नेता JMM की बढ़ाएंगे टेंशन? बड़े खेल की तैयारी में ये पार्टी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी का दावा वाले कई नेताओं को उनकी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। धीरे-धीरे सभी पार्टियां अपने पत्ते खोल रही हैं, जिन्हें चुनाव लड़ने का संकेत या टिकट नहीं मिल रहा है। वह दूसरी पार्टी में अपनी जुगत लगाने में जुट गए हैं।

झारखंड पार्टी ऐसे नेताओं का सहारा बन रही है। पार्टी की ओर से नाराज नेताओं को समर्थन या अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने का प्रयास किया जा रहा है। झारखंड पार्टी ने राज्य की 14 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का दावा किया है।

झापा ने खूंटी, दुमका, हजारीबाग, चतरा और चाईबासा में उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। झापा लोकसभा की राजमहल सीट से दावेदारी करने वाले लोबिन हेम्ब्रम और लोहरदगा से ताल ठोंकने वाले चमरा लिंडा को समर्थन या अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने की कोशिश में जुटी है।

लोबिन जेएमएम के विधायक हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव में उतरने का दावा किया है। चमरा लिंडा को भी जेएमएम ने कोई खास महत्व नहीं दिया है। इस अवसर का लाभ उठाते हुए झारखंड पार्टी इन नेताओं को अपने पाले में लाना चाहती है।

अल्पसंख्यक नेताओं की उपेक्षा को बनाया मुद्दा

लोकसभा चुनाव में किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने अल्पसंख्यक वर्ग को चुनाव में नहीं उतारा है। इसका विरोध भी दिख रहा है। कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने इसको लेकर अपनी चिंता भी जाहिर की है और चेतावनी दी है कि अल्पसंख्यक वोटर को नजरअंदाज करना आत्मघाती हो सकता है।

झारखंड पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अजीत कुमार कहा कि कांग्रेस, भाजपा और जेएमएम ने अल्पसंख्यक वर्ग का प्रतिनिधित्व स्वीकार नहीं करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह है कि लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक नेताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। झारखंड पार्टी का जल, जंगल जमीन के साथ मूल उद्देश्य यह भी रहा है कि अल्पसंख्यक वर्ग को राजनीति में प्रतिनिधित्व दिलाया जाए। झारखंड पार्टी का दक्षिणी छोटानागपुर, कोल्हान और संताल परगना के कुछ क्षेत्रों में भी प्रभाव है।

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