झारखंड में सुरक्षित नहीं बेटियां! 6 महीने में दहेज के लिए मार दी गई 101 लड़कियां, 794 के साथ दरिंदगी की घटनाएं
झारखंड पुलिस के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बेटियां राज्य में अब भी सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक बीते 6 महीने में झारखंड की 2832 बेटियां किसी न किसी रूप में अपराध का शिकार हुई हैं। 101 बेटियां तो ऐसी हैं जिन्हें सिर्फ दहेज के लिए मार दिया गया। 794 बेटियां दुष्कर्म जैसी हैवानियत का शिकार हुई हैं।
By Dilip KumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Mon, 04 Sep 2023 11:28 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची: झारखंड में राज्य की बेटियां सुरक्षित नहीं है। वह किसी न किसी रूप में प्रताड़ित हो रही हैं। स्त्री प्रताड़ना के केस आए दिन सुनने को मिलते रहते हैं। झारखंड पुलिस के आंकड़े भी अब इसकी गवाही दे रहे हैं।
पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले छह महीने में जनवरी से लेकर जून के बीच झारखंड की 2832 बेटियां किसी न किसी रूप से अपराध का शिकार हुई हैं। 101 बेटियां तो ऐसी हैं, जिन्हें दहेज के लिए मार दिया गया।
864 बेटियों को दहेज के लिए इतना प्रताड़ित किया गया कि उन्हें पुलिस का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। वह परेशान होकर थाने पहुंची और दहेज प्रताड़ना की प्राथमिकी दर्ज कराई।
794 बेटियों ने गंवाई अपनी अस्मत
दुष्कर्म के मामले भी कम होने का नाम नहीं ले रहे। पिछले छह महीने में राज्य की 794 बेटियों ने अपनी अस्मत गंवाई और दुष्कर्म का शिकार बन गई।
इन छह महीनों में 690 बहू-बेटियों का अपहरण हुआ, इनमें शादी के उद्देश्य से वह जबरन अपहरण के मामले भी शामिल हैं। 383 लड़कियाें ने अपने साथ छेड़खानी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
धनबाद में छेड़खानी के सर्वाधिक मामले
झारखंड पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, छेड़खानी की सबसे अधिक घटनाएं धनबाद हुई हैं। जनवरी में राज्य में कुल छेड़खानी की 81 घटनाएं घटीं, जिनमें धनबाद में सर्वाधिक 20 घटनाएं दर्ज हैं।
फरवरी में घटित छेड़खानी की 54 घटनाओं में 18 धनबाद में, मार्च में घटित छेड़खानी की 60 घटनाओं में धनबाद में 16, अप्रैल में घटित 60 घटनाओं में धनबाद में 15, मई में घटित 52 में धनबाद में पांच व जून में घटित छेड़खानी की 76 घटनाओं में सिर्फ धनबाद में 14 मामले दर्ज हुए हैं।
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