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Jharkhand Crisis: महिलाओं पर बात नहीं करे भाजपा, महिलाएं महंगाई से परेशान, तेवर में दिखीं दीपिका

Jharkhand Political Crisis झारखंड विधानसभा में सोमवार को विशेष सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। भाजपा पर महिला विरोधी होने महंगाई बढ़ाने और चुनी हुई सरकारों के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Mon, 05 Sep 2022 07:45 PM (IST)
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Jharkhand Political Crisis: कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह व भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Vidhan Sabha Special Session कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि भाजपा महिलाओं के हितों पर बात ही करना छोड़ दे। महिलाएं तो महंगाई से परेशान हैं। महिलाओं को राजनीतिक मुद्दा बनाना महंगा पड़ेगा। उन्होंने हालिया रिपोर्ट के आधार पर कहा कि सबसे अधिक अपराध उत्तर प्रदेश में है और झारखंड सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। भाजपा शासित राज्यों में तो सरकार की नाक के नीचे महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है।

क्या निशिकांत पीएम मोदी से सवाल पूछ सकते हैं? 

कहा, हमारी सरकार ने तो पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का काम किया। डेढ़ लाख कर्मचारियों के हितों की रक्षा की। निर्भया फंड का प्रविधान किया गया था, किसकी सरकार है केंद्र में और क्या वे यह बता सकते हैं। हम सीएम को कहेंगे तो वे सुनेंगे। क्या निशिकांत यही सवाल पीएम से पूछ सकते हैं? आज महिलाएं महंगाई से परेशान हैं। हर बात में धर्म को घुसाना गलत है। अपराधियों का कोई धर्म नहीं होता। मुख्यमंत्री ने घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई की है। आदिवासी युवती का उत्पीड़न करने वाली सीमा पात्रा पर भी कार्रवाई हो।

आखिर दिल्ली में क्या कर रहे राज्यपाल रमेश बैस

दीपिका ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार में अस्थिरता पैदा करने वाले ही असमंजस में हैं। सवाल उठाया कि आखिर राज्यपाल दिल्ली में क्या कर रहे हैं? कहा कि उनकी वापसी हो रही है तो आगे क्या होगा। केंद्र और राज्य के भाजपा के नेता राजनीतिक षडयंत्र करने में व्यस्त हैं।

सरकार ने जनता का विश्वास खोया : दीपक प्रकाश

उधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत कर विश्वास मत हासिल कर लिया है, लेकिन जनता का विश्वास खो दिया है। कहा कि इस सत्र को लेकर जिस प्रकार वातावरण बनाया गया मानो हेमंत सरकार सत्र बुलाकर कोई बड़ा निर्णय लेने जा रही है।

जनता को उम्मीद थी कि सुखाड़ पर किसानों को बड़ी राहत देने, खतियान आधारित स्थानीय नीति पर, महिलाओं पर बढ़ते अपराध व ओबीसी, एसटी और एससी आरक्षण में बढ़ोतरी का प्रस्ताव को लेकर सदन में गंभीर चर्चा होगी। कुछ पर मुहर भी लगेगी, परंतु सोमवार का यह विशेष सत्र "खोदा पहाड़ और निकली चुहिया की कहावत भर नजर आया।

भाजपा अध्यक्ष का आरोप अराजकता का माहौल 

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में खुद के लिए खुद द्वारा लाए गए खुद के विधायकों से विश्वास मत लिया। झारखंड सरकार ने विधायकों का विश्वास तो हासिल किया लेकिन झारखंड की जनता का विश्वास खो दिया। राज्य में अराजकता का माहौल है। एक मामला ठंडा भी नहीं होता कि दूसरा सामने आ जाता है। अपराधियों को वोटबैंक के चश्मे से नहीं देखते हुए उन्हें कठोरतम सजा दिलाने की दिशा में ठोस कार्रवाई करती।

ऐसा करना छोड़ मुख्यमंत्री उल्टा पीड़ित परिवार के जख्मों को कुरेदते हुए कहते हैं कि ऐसी छोटी-बड़ी घटनाएं होती रहती है। हेमंत सोरेन द्वारा तिरंगा पर की गई टिप्पणी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि झारखंड की अस्मिता का सौदा करने वाले तिरंगे झंडे का मोल क्या समझेंगे। विधानसभा परिसर में पत्रकारों के साथ हुई अभद्रता पर पूछा कि क्या मुख्यमंत्री और उनके विधायकों को अब मीडिया और पत्रकारों से भी डर लगने लगा है।

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