Jharkhand Politics: हेमंत सोरेन को तगड़ा झटका, सरकार से समर्थन वापस लेंगे यह विधायक; NDA संग करेंगे सियासत
कमलेश कुमार सिंह के खिलाफ दल-बदल मामले में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत की गई है। इसपर 12 अक्टूबर को पहली सुनवाई होगी। कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ झारखंड में दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता का मामला नहीं बनता। वे राज्य में अकेले एनसीपी के विधायक हैं। अजीत पवार को महाराष्ट्र नार्थ ईस्ट व झारखंड मिलाकर कुल 50 विधायकों का समर्थन है।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन खेमे से एक विधायक जल्द ही कम हो जाएगा। हुसैनाबाद से एनसीपी के विधायक कमलेश कुमार सिंह ने घोषणा की है कि वे 31 अक्टूबर के बाद विधिवत सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार में बने रहने का कोई मतलब नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कमलेश कुमार सिंह अब आगे की राजनीतिक पारी में एनडीए के साथी होंगे। सोमवार को रांची प्रेस क्लब में वे मीडिया से मुखातिब थे। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सूर्या सिंह और प्रदेश महासचिव बिनय कुनार सिंह उर्फ बिनु सिंह भी इस मौके पर उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्तर पर एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद कमलेश कुमार सिंह अजीत पवार खेमे के साथ चले गए हैं। कमलेश सिंह ने कहा कि हुसैनाबाद जिला घोषित करने की उनकी पुरानी मांग है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मांग का पूरा करें। ऐसा नहीं हुआ तो 31 अक्टूबर के बाद सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।
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मैं अकेला विधायक, दल-बदल के दायरे में नहीं
कमलेश कुमार सिंह के खिलाफ दल-बदल मामले में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को शिकायत की गई है। इसपर 12 अक्टूबर को पहली सुनवाई होगी। कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ झारखंड में दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्यता का मामला नहीं बनता। वे राज्य में अकेले एनसीपी के विधायक हैं। अजीत पवार को महाराष्ट्र, नार्थ ईस्ट व झारखंड मिलाकर कुल 50 विधायकों का समर्थन है।