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NCP की टूट का भाजपा को लाभ! विधायक कमलेश सिंह ने मिलाया BJP से हाथ; JMM-कांग्रेस को मात देने के लिए अपनाई ये रणनीति

महाराष्ट्र की सियासत में उथल-पुथल का असर झारखंड में दिखने लगा है। एनसीपी विधायक के हेमंत सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद एनडीए का कुनबा बढ़ गया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे के समय उसे साथ लिया जा सकता है। अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल प्रधानमंत्री और गृहमंत्री शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की है। वहीं कमलेश सिंह भी दिल्ली में हैं।

By Pradeep singhEdited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 06 Nov 2023 08:38 PM (IST)
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NCP की टूट का भाजपा को लाभ! विधायक कमलेश सिंह ने मिलाया BJP से हाथ

राज्य ब्यूरो, रांची। महाराष्ट्र में एनसीपी में टूट का असर झारखंड की राजनीति पर भी पड़ा है। एनसीपी के हुसैनाबाद से विधायक कमलेश कुमार सिंह एनडीए के साथ गए अजीत पावर गुट के समर्थन में हैं।

ऐसे में राज्य में एनडीए का कुनबा बढ़ने के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में एनसीपी को सीटों के बंटवारे में साथ लिया जा सकता है।

अजीत पवार-प्रफुल्ल पटेल ने गृह मंत्री से की मुलाकात

एनसीपी में दबदबा कायम करने वाले अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की है।

बताया जाता है कि इस मुलाकात के दौरान महाराष्ट्र के अलावा झारखंड में भी सीटों को लेकर चर्चा हुई। विधायक कमलेश कुमार सिंह भी अपने समर्थकों के साथ नई दिल्ली में कैंप कर रहे हैं।

एनसीपी के हिस्से आ सकता है एक लोकसभा सीट

उन्हें संकेत दिया गया है कि झारखंड में एनडीए में तालमेल के तहत एक लोकसभा सीट एनसीपी के हिस्से आ सकता है। ऐसे में कमलेश कुमार सिंह की चतरा से दावेदारी मजबूत होगी। वे यहां से पूर्व में भी किस्मत आजमा चुके हैं। उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को आश्वस्त किया है कि चतरा से मौका मिलने पर वे यह सीट एनडीए की झोली में डाल सकते हैं।

उन्होंने चतरा संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक समीकरण भी एनडीए के अनुकूल बताया है। उल्लेखनीय है कि चतरा संसदीय सीट अभी भाजपा के पास है। यहां से सुनील कुमार सिंह लगातार दो बार से निर्वाचित हो रहे हैं। एनसीपी के साथ तालमेल होने की स्थिति में गठबंधन के तहत यह सीट मिलने के आसार बन रहे हैं।

कमलेशसिंह ने हेमंत सरकार से समर्थन वापस लिया

उल्लेखनीय है कि हाल ही में कमलेश कुमार सिंह ने राज्य में सत्तारूढ़ हेमंत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। उनका प्रयास लोकसभा चुनाव में तालमेल को सफल बनाने पर है।

इसके बाद वे अगले साल के अंत में हो रहे विधानसभा चुनाव पर केंद्रित करेंगे। विधानसभा चुनाव में एनसीपी के लिए वे अनुकूल सीटों को चिन्हित कर रहे हैं।

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