Jharkhand Politics: कांग्रेस कोटे के मंत्रियों पर कुर्सी जाने की लटकी तलवार, जल्द आ सकता है बड़ा फैसला
हेमंत सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्रियों पर तलवार लटक रही है। आलाकमान ने सभी मंत्रियों के प्रदर्शन का आंकलन किया है। इसमें जिनका प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं होगा वे मंत्रिपरिषद से हटाए जा सकते हैं। उनके स्थान पर नए चेहरे को जगह दी जाएगी।
By Pradeep singhEdited By: Prateek JainUpdated: Tue, 27 Dec 2022 11:16 PM (IST)
प्रदीप सिंह, रांची: हेमंत सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्रियों पर तलवार लटक रही है। आलाकमान ने सभी मंत्रियों के प्रदर्शन का आंकलन किया है। इसमें जिनका प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं होगा, वे मंत्रिपरिषद से हटाए जा सकते हैं। उनके स्थान पर नए चेहरे को जगह दी जाएगी।
इस संबंध में अंतिम निर्णय तक पहुंचने के लिए दल के विधायकों समेत संगठनात्मक स्तर पर मिली शिकायतों को भी ध्यान रखा जाएगा। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय इसे लेकर सक्रिय हैं। उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के कई वरीय नेताओं संग मंत्रणा की है। अलग-अलग स्तर मिले फीडबैक का आंकलन करने के बाद आलाकमान को वे इस संबंध में अंतिम रिपोर्ट सौंपेगे।
हालांकि कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में फेरबदल की यह कवायद कुछ समय पूर्व से ही चल रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा समेत कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण यह टल रहा था। अब इसपर अंतिम फैसला शीघ्र होगा। निर्णय लेने के पहले प्रदेश के वरीय नेताओं के सुझावों को प्राथमिकता दी जाएगी।
मंत्री हमारी नहीं सुनते, घिरे रहते हैं
कांग्रेस के जिलाध्यक्षों की यह शिकायत है कि पार्टी कोटे से शामिल मंत्री उनकी सुनते नहीं हैं। वे चुनिंदा लोगों से घिरे रहते हैं। जिलों के दौरे के क्रम में प्रदेश प्रभारी को इससे संबंधित सबसे ज्यादा नाराजगी देखने को मिली है। पार्टी के संवाद कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने खुलकर अपनी भड़ास निकाली है। इसके अलावा विधायकों ने भी शिकायत की है कि उनके क्षेत्र में भ्रमण और कार्यक्रम तय होने के बावजूद उन्हें मंत्री सूचित नहीं करते। हजारीबाग जिले के एक विधायक ने हाल ही में एक मंत्री की शिकायत ऊपर तक पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने उनके घर के बगल में चाय पी और उन्हें सूचित तक नहीं किया।
जनसुनवाई बंद, जिलों में नहीं झांकते मंत्री
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कार्यभार संभालने के बाद निर्देश दिया था कि कांग्रेस कोटे के मंत्री प्रदेश कार्यालय में जनसुनवाई करेंगे। वे इस दौरान आमलोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायतें सुनकर समाधान करेंगे। आरंभ में मंत्रियों ने जनसुनवाई की, लेकिन यह जल्द ही बंद हो गया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के निर्देश पर मंत्रियों को छह-छह जिलों का प्रभार दिया गया था।मंत्रियों ने शुरू में जिलों के दौरे किए, लेकिन बाद में यह ठप हो गया। मंत्री आलमगीर आलम को साहिबगंज, गोड्डा, बोकारो, पाकुड़, हजारीबाग और गिरिडीह, डा. रामेश्वर उरांव को खूंटी, सिमडेगा, गुमला, रामगढ़, लोहरदगा और पलामू, बन्ना गुप्ता को धनबाद, जमशेदपुर, सरायकेला, रांची, चतरा और कोडरमा एवं बादल को चाईबासा, गढ़वा, देवघर, दुमका, जामताड़ा और लातेहार की जिम्मेदारी दी गई थी।
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