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झारखंड: पार्टी सम्मेलन में हेमंत सरकार पर जमकर बरसे सुदेश महतो, खतियान आधारित स्थानीयता पर साजिश का लगाया आरोप

आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो ने हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाया है कि खतियान आधारित स्थानीयता के नाम पर मूल वासियों के साथ षड़यंत्र किया है। पार्टी के तीन दिवसीय महाधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खतियान आधारित स्थानीयता नीति झारखंड के मूलवासियों और आदिवासियों का सिर्फ एक मांग पत्र नहीं है। यह हमारे पूर्वजों का सपना है।

By Neeraj AmbasthaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 01 Oct 2023 02:29 AM (IST)
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खतियान आधारित स्थानीयता पर सुदेश महतो ने हेमंत सरकार पर साजिश का लगाया आरोप।
राज्य ब्यूरो, रांची: पार्टी के तीन दिवसीय महाधिवेशन को संबोधित करते हुए आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने हेमंत सरकार पर खतियान आधारित स्थानीयता के नामपर षडयंत्र करने का आरोप लगाया है।

सुदेश ने कहा कि वर्तमान सरकार ने खतियान आधारित स्थानीयता के नाम पर षड़यंत्र किया है। खतियान आधारित स्थानीयता नीति झारखंड के मूलवासियों एवं आदिवासियों का सिर्फ एक मांग पत्र नहीं है। यह हमारे पूर्वजों का सपना है।

सुदेश ने अपने संबोधन में कहा कि आजसू पार्टी खतियान आधारित स्थानीयता नीति को लेकर वैधानिक ढांचों के अंतर्गत तबतक ईमानदारी से लड़ती रहेगी, जब तक इसे हासिल नहीं कर लिया जाता है।

हेमंत हमारे भाई लेकिन...

उन्होंने कहा कि सदन में सरकार कहती है कि कानूनी रूप से खतियान आधारित स्थानीयता नीति संभव नहीं है, लेकिन सड़कों पर बड़े-बड़े पोस्टर चिपकाती है कि राज्य के मूलवासी-आदिवासी को 1932 खतियान आधारित स्थानीयता नीति दे दी है।

सुदेश ने कहा, एक आंदोलनकारी परिवार से आने के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हमारे भाई भी हैं, लेकिन यह बेहद दुखद है कि उन्होंने भ्रष्ट और बेलगाम प्रशासन देने का काम किया है।

पार्टी के महासचिव सह विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने कहा कि परिचर्चा में आए सभी सुझावों पर पार्टी विचार करेगी तथा राज्य हित में अपने एजेंडे में सम्मिलित करेगी।

पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि विभिन्न विषयों पर चिंतन में सामने आनेवाले मुद्दों के समाधान के लिए पार्टी संघर्ष भी करेगी।

कृषि को बनाना होगा पसंदीदा व्यवसाय

भूमि, कृषि, सिंचाई एवं खनन पर चर्चा करते हुए झारखंड के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हरीश्वर दयाल ने कहा कि झारखंड के विकास के लिए कृषि को पसंदीदा व्यवसाय बनाना होगा। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. रमेश शरण ने झारखंड में जमीन और मिट्टी बचाने की अहमियत समझाई।

एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि झारखंड में दो तिहाई मरूभूमि बनने का खतरा मंडरा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और पर्यावरण संरक्षण के जानकार संजय उपाध्याय ने परिचर्चा में कहा कि पर्यावरण पर लगातार आघात बढे हैं।

उन्होंने कहा कि व्यवस्था में मतभेद के चलते ही पर्यावरण पर बने कानूनों में फर्क दिखता है। देश में पर्यावरण से जुड़े विषयों पर नीति बाद में बनती है कानून पहले बनता है। कृषि के विषय पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए इंडोनेशिया के रहने वाले पॉलिसी और कैंपेन सलाहकार हबीबुल अबरार भी आनलाइन माध्यम से इस सत्र में सम्मिलित हुए। उन्होंने इंडोनेशिया में धान की खेती पद्धति पर चर्चा की।

सांगठनिक चुनाव में सुदेश का फिर से अध्यक्ष बनना तय

रविवार को महाधिवेशन के अंतिम दिन राजनीतिक प्रस्ताव आएगा तथा भावी कार्यक्रत तय होगा। साथ ही सांगठनिक चुनाव होगा। माना जा रहा है कि सुदेश महतो ही एक बार फिर पार्टी के अध्यक्ष होंगे। अंतिम दिन राजनीतिक घोषणा भी होगी।

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