Jharkhand PGT Bharti: स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए बुरी खबर! नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम हुआ स्थगित
झारखंड में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के 3120 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए 2023 में आयोजित परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। परीक्षा में जितने अभ्यर्थी सफल हुए हैं उनमें से 48 प्रतिशत अभ्यर्थी एक ही केंद्र के हैं। अभ्यर्थियों ने परिणामों में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस बीच उत्तीर्ण प्रशिक्षित शिक्षकों का नियुक्ति पत्र वितरण समारोह स्थगित हो गया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand PGT Bharti : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तीन जुलाई को प्रस्तावित स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों का नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। भाजपा द्वारा दो परीक्षा केंद्रों से अधिक अभ्यर्थियों के उत्तीर्ण होने के आरोप लगाए जाने के बाद यह कार्यक्रम स्थगित हुआ।
धुर्वा के प्रभात तारा मैदान में प्रस्तावित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन तीन जुलाई को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से अनुशंसित 1,500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देनेवाले थे।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री सचिवालय के निर्देश के बाद विभाग ने इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। बताते चलें कि कई अभ्यर्थी स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के परिणाम को लेकर सवाल उठा रहे थे।
अभ्यर्थी बोकारो और रांची के एक-एक सेंटर से अधिक अभ्यर्थियों के इस प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद करने की मांग कर रहे थे।
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भाजपा शासन में कई परीक्षाओं में हुए घोटाले: कांग्रेस
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि झारखंड सरकार छात्रों और युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और उनके हर मसले पर गंभीर नजर रखती है।उन्होंने कहा कि विपक्ष के मजबूत विरोध के बाद शुरू में नीट घोटाले को क्लीनचिट देने वाले अब इसकी सीबीआई जांच करा रहे हैं। यह देश के छात्रों की जीत है। कांग्रेस भ्रष्टाचार के किसी भी रूप को सहन नहीं करती और इसके विरोध में अनवरत आवाज उठाती रहती है।उन्होंने कहा कि व्यापम घोटाले और हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार की गंगोत्री में स्नान कर चुके लोगों को झारखंड जीतने की कमान सौंपी गई है। ऐसे लोगों के सहारेे ये विधानसभा का रण जीतना चाहते हैं कि जिन्हें जनता ने नकार दिया है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले पर ज्ञान देने से पहले भाजपा को झारखंड में अपने कार्यकाल को याद करना चाहिए, जिसमें भ्रष्टाचार का पहाड़ खड़ा हो चुका था।उन्होंने आरोप लगाया कि जेपीएससी भ्रष्टाचार का विश्वविद्यालय बन चुका था। उनके शासनकाल में जेपीएससी परीक्षा में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं। झारखंड में रोजगार देने हेतु जाब कैलेंडर जारी हो गया है। इसे देखकर भाजपा नेताओं को मानसिक तनाव हो गया है।
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