मायके वालों को अलविदा कह कैलाश पर्वत लौटीं देवी दुर्गा, महिलाओं ने 'सिंदूर खेला' खेलकर मां को किया विदा
मंगलवार को विजयादशमी के पर्व के साथ पांच दिवसीय दुर्गा पूजा का समापन हो गया। अपने बच्चों लक्ष्मी सरस्वती कार्तिक और गणेश के साथ धरती पर अपने मायके आईं मां दुर्गा दशहरे के पर्व के साथ अपने ससुराल कैलाश पर्वत लौट गई हैं। इस मौके पर भक्तजनों ने मां को धूमधाम से विदा किया। बंगाली समुदाय की महिलाओं ने सिंदूर खेला भी खेला।
By Arijita SenEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 25 Oct 2023 08:40 AM (IST)
रांची (झारखंड), एजेंसी। बीते मंगलवार को विजयादशमी के अवसर पर महिलाओं ने 'सिंदूर खेला' नामक पारंपरिक अनुष्ठान के साथ देवी दुर्गा को विदाई दी। रांची के दुर्गा बाड़ी मंदिर में भी इसका पालन किया गया। मंदिर में दुर्गोत्सव मनाने का सदियों पुराना इतिहास है।
विजयादशमी के साथ दुर्गा पूजा का समापन
जैसा कि हम जानते हैं कि विजयादशमी के पर्व के साथ पांच दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव का समापन होता है। इस मौके पर सुबह से ही मंदिर में लोग तमाम विधि-विधान का पालन करने के लिए जुटने लगे।
महिलाओं ने भी जमकर 'सिंदूर खेला' में भाग लिया। इस दौरान शादीशुदा महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं और पतियों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
शादीशुदा महिलाएं सिंदूर खेला में हुईं शामिल
श्वेता नाम की एक दर्शनार्थी ने बताया, आज मां दुर्गा को विदा करते हुए हमने 'सिंदूर खेला' खेला व दोस्तों व परिवार के सदस्यों के साथ कुछ अच्छे पल भी बिताए।
'सिंदूर खेला' इसलिए खेला जाता है ताकि मां का आशीर्वाद सभी भक्तों पर बना रहे और वह हर बार इसी तरह आती रहे और हमें आशीर्वाद देती रहे।
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