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रफ्तार से दोस्ती करा रही मौत का सामना... व्यवस्था पूरी तरह से चकना चूर, सरकार के करोड़ों रुपये खर्च करने का भी नहीं कोई फायदा

Jharkhand Road Accident रफ्तार से दोस्ती करना ठीक नहीं यह आपको सीधे मौत का रास्ता दिखा सकती है। दुर्घटना होने पर कई मौते तेज रफ्तार की वजह से ही होती हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें कि इस वर्ष 680 सड़क हादसे में 450 लोगों की मौत हो गई। रफ्तार पर लगाम कसने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं फिर भी कोई कमी नहीं हुई।

By kumar Gaurav Edited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 30 Dec 2023 12:54 PM (IST)
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रफ्तार से दोस्ती करा रही मौत का सामना... सरकार के करोड़ों रुपये खर्च करने का भी नहीं कोई फायदा

जासं, रांची। रफ्तार ही मौत है, इसलिए रफ्तार से दोस्ती मत कीजिए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बुधवार की रात हुई बुटी मोड़ की सड़क दुर्घटना है। जहां चार लोग अपनी कीमती जान गवां बैठे। यदि वाहन की गति नियंत्रित होती तो दुखद घटना नहीं घटती।

परिवहन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें कि इस वर्ष 680 सड़क हादसे में 450 लोगों की मौत हो गई। इस घटनाओं में मौत का कारण वाहनों की रफ्तार ही सामने आया है। रफ्तार पर लगाम कसने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, फिर भी शहर में सड़क हादसों में कोई कमी नहीं हो रही है।

शहर में 10 चौक-चौराहों पर स्पीड कंट्रोल मानिटरिंग डिवाइस व कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में दो इंटरसेप्टर यानी स्पीड लेजर गन वाहन भी क्रियाशील है। दोनों वाहनों में स्पीड लेजर गन के साथ मानिटर मशीन भी लगी है।

इस स्पीड लेजर गन से वाहनों की गति सीमा मापी जाती है। वहीं कमांड कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सेंटर से अनियंत्रित वाहनों पर नजर रखी जाती है। ऐसे वाहनों को चिह्नित कर जुर्माना भी लगाया जाता है। बावजूद इसके बावजूद इसके व्यवस्था में समुचित सुधार नहीं हो रहा है।

विभाग प्रत्येक दिन लगा रहा जुर्माना

ओवर स्पीडिंग के लिए विभाग ने अब तक 490 लोगों पर चलान काटा गया है। बीते कुछ महीने में ओवर स्पीड मामले में 24513 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई। प्रत्येक दिन इस मामले में 490 चालकों पर चलान काटा गया है। इस कार्रवाई में कैमरे और ट्रैफिक पुलिस मेनुअल सहारा लेती है।

वहीं जुलाई से सितंबर तक 3232 रांग साइड पर चलने वाले पकड़े गए है। इस प्रकार राजधानी में हर दिन 119 लोंगों पर रेड लाइट जंप यानी सिग्नल तोड़ रहे हैं। जबकि पिछले कुछ दिनों में राजधानी के विभिन्न जगहों पर लगे कैमरे ने 114046 लोगों का चलान काटा गया है। यह आंकड़ा बिना हेलमेट के बाइक-स्कूटी चलाने वालों व पीछे बैठने वाले का है।

जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद हादसों में कमी नहीं

सड़क सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर ट्रैफिक पुलिस विभिन्न शिक्षण संस्थानों व अन्य स्थानों पर जागरूकता अभियान चला रहा है। फिर भी हादसों में कमी नहीं देखी जा रही है।

लगातार अभियान चलाने के बावजूद भी लोग जागरूक नहीं हैं और सबसे बड़ी बात अपनी जिंदगी के बारे में सचेत नहीं है। विभाग की कार्रवाई में कई बार स्कूली बच्चे भी पकड़े गए हैं।

आमतौर पर युवावर्ग नियम कानूनों का पालन न करते हुए तेज रफ्तार में बाइक व कार चलाते हैं। ऐसे लोगों पर नजर रखी जा रही है और जगह जगह अभियान चलाकर अंकुश भी लगाया जा रहा है। नववर्ष के आगमन और ट्रैफिक कंजेशन से निपटने के लिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। - कुमार गौरव, ट्रैफिक एसपी, रांची।

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