झारखंड भाजपा कार्यालय पर आवास बोर्ड की टेढ़ी नजर, अभी थमाया नोटिस; जल्द ले सकता है बड़ा एक्शन
झारखंड राज्य आवास बोर्ड की बैठक में नियमों के खिलाफ आवासीय भवन में भाजपा का प्रदेश कार्यालय चलने के मामले पर चर्चा हुई। आवास बोर्ड आवासीय भवन या भूखंड जिसका कामर्शियल या अन्य इस्तेमाल हो रहा है उसके लिए 15 दिन बाद अलग से समीक्षा बैठक करके नियम के अनुसार निर्णय लेगा। वहीं भाजपा नेता दीपक प्रकाश ने कहा कि आवास बोर्ड का यह नोटिस पूरी तरह से गलत है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड राज्य आवास बोर्ड की बुधवार को 73वीं बैठक में 34 अहम प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गई। हरमू में आवासीय भवन में नियम विरुद्ध भाजपा का प्रदेश कार्यालय चलने के मामले में बोर्ड की बैठक में चर्चा हुई। आवास बोर्ड के वैसे आवासीय भवन या भूखंड जिसका कामर्शियल या अन्य इस्तेमाल हो रहा है, उसके लिए 15 दिन बाद अलग से समीक्षा बैठक कर नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा।
झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय पासवान ने कहा कि रांची के हरमू स्थित जिस भवन में प्रदेश भाजपा का कार्यालय संचालित है, वह मध्य आय वर्ग (एमआइजी) रविंद्र शेखर प्रसाद के नाम पर आवंटित है।
आवास बोर्ड के निर्धारित शर्तों के अनुसार, उस दो मंजिला भवन का उपयोग सिर्फ आवासीय ही हो सकता है, लेकिन उसमें भाजपा कार्यालय चल रहा है। इतना ही नहीं उस भवन से सटे भवन को भी भारतीय जनता पार्टी के नाम से खरीद लिया है।
संजय पासवान ने कहा कि बोर्ड के बायलाज के अनुसार यह भी गलत है। ऐसे में आवास बोर्ड की ओर से रविन्द्र शेखर प्रसाद को बार-बार नोटिस दिया जा रहा है कि वह अपना पक्ष रखें कि उनके आवासीय उपयोग के भवन में कैसे भाजपा कार्यालय चल रहा है। लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
निरस्त हो सकता है आवेदन
संजय पासवान ने कहा कि जिसका भी कार्यालय या भवन हो, वह आवासीय भूखंड या आवासीय भवन में नहीं चलेगा। 15 दिनों बाद ऐसे सभी मामले की समीक्षा कर झारखंड राज्य आवास बोर्ड कठोर निर्णय लेगा। संभव है कि वैसे लोगों का आवंटन निरस्त कर दिया जाए।बैठक में इन विषयों पर भी निर्णय
झारखंड राज्य आवास बोर्ड की 73वीं बैठक में बोर्ड की अधूरी पड़ी योजनाओं को शीघ्र पूरा करने, अपार्टमेंट्स के एक्सटेंशन, तैयार भवन, अपार्टमेंट का शीघ्र इस महीने के अंत तक नीलामी के माध्यम से आवंटन करने और पुराने जर्जर हो चुके आवास बोर्ड के भवन को तोड़कर नया भवन बनाने का निर्णय लिया गया।
पुराने भवनों में रह रहे लोगों को जबतक नया भवन बनकर नहीं मिल जाता है, तब तक छह से एक साल के लिए रेंट आवास बोर्ड द्वारा मुहैया कराने के निर्णय पर भी सहमति प्रदान की गई।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।