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Jharkhand News: झारखंड में शिक्षा विभाग का बड़ा एक्शन, बीआरपी और सीआरपी को नौकरी से निकाला

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक ने प्रखंड साधन सेवियों (बीआरपी) और संकुल साधन सेवियों (सीआरपी) को हटाने का आदेश दिया है जिन्होंने इस माह कम विद्यालयों का निरीक्षण किया है। निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर ऐसे साधन सेवियों की पहचान करने और स्पष्टीकरण पूछने को कहा है। पिछले 27 अगस्त को लापरवाही बरतनेवाले 181 बीआरपी सीआरपी का अगस्त माह का मानदेय रोकने का आदेश दिया था।

By Neeraj Ambastha Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Tue, 24 Sep 2024 03:18 PM (IST)
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झारखंड में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन ने उन प्रखंड साधन सेवियों (बीआरपी) को हटाने का आदेश दिया है, जिन्होंने इस माह शून्य से पांच विद्यालयों का ही निरीक्षण किया है। उन्होंने उन संकुल साधन सेवियों (सीआरपी) को भी सेवामुक्त करने को कहा है जिन्होंने शून्य से 10 विद्यालयों का ही निरीक्षण किया।

निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र भेजकर यह कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिया है कि ऐसे साधन सेवियों की पहचान कर उनसे स्पष्टीकरण पूछा जाए। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर उन्हें सेवामुक्त किया जाए।

राज्य परियोजना निदेशक ने सितंबर माह में अबतक विद्यालयों के हुए निरीक्षण का जिलावार ब्यौरा देते हुए कहा है कि प्रखंड साधन सेवियों द्वारा 59.89 प्रतिशत तथा संकुल साधन सेवियों द्वारा 60.20 प्रतिशत विद्यालयों का ही निरीक्षण किया गया है। कई ऐसे प्रखंड और संकुल हैं जहां के साधनसेवियों ने एक भी विद्यालय का भ्रमण नहीं किया है।

बताते चलें कि निदेशक ने पिछले 27 अगस्त को आदेश जारी कर विद्यालयों के निरीक्षण में लापरवाही बरतनेवाले 181 बीआरपी, सीआरपी का अगस्त माह का मानदेय रोकने का आदेश दिया था। इनमें 61 बीआरपी तथा 120 सीआरपी सम्मिलित थे। बीआरपी, सीआरपी का मुख्य कामविद्यालयों का निरीक्षण कर विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध कराना है। 

संघ ने किया विरोध, कहा- अन्य कार्य में भी बीआरपी, सीआरपी लगाए जा रहे

राज्य परियोजना निदेशक द्वारा बीआरपी, सीआरपी को सेवामुक्त करने को लेकर दिए गए आदेश का बीआरपी सीआरपी महासंघ ने विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष पंकज शुक्ला ने कहा है कि उपायुक्त एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा बीआरपी, सीआरपी की प्रतिनियुक्ति शिक्षा विभाग के मूल कार्यों से अलग कार्यों में लगातार की जा रही है।

जाति प्रमाण पत्र बनाने, मंइयां सम्मान योजना, चौकीदार नियुक्ति, सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी, बूथ लेवल आफिसर की ड्यूटी आदि में उन्हें लगाया जाता है। दूसरी ओर राज्य परियोजना निदेशक द्वारा ई विद्यावाहिनी के आनलाइन पोर्टल पर विद्यालय निरीक्षण की संख्या कम होने पर स्पष्टीकरण एवं मानदेय रोकने की कार्रवाई की जा रही है।

महासंघ ने कई बार निरीक्षण के अलावा दूसरे कार्य से मुक्त करने की मांग की है। बीआरपी को प्रत्येक माह न्यूनतम 10 विद्यालयों तथा सीआरपी को 18 विद्यालय के निरीक्षण का लक्ष्य दिया गया है लेकिन अन्यत्र प्रतिनियुक्ति के कारण इस लक्ष्य को पूरा करने में कठिनाई हो रही है।

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