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Jharkhand News: 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में CID ने कसा शिकंजा, जेल भेजे गए चारों आरोपी

झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (JTDCL) झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और झारखंड ऊर्जा उत्पाद निगम लिमिटेड के खातों से करीब 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में चारों आरोपितों को सीआईडी ने जेल भेज दिया है। एसआईटी ने इनकी निशानदेही पर 85 लाख रुपये नकद 15 लाख रुपये के सोने के जेवरात बरामद किए हैं। इसके अलावा विभिन्न बैंकों में पड़े 39.70 करोड़ रुपये फ्रीज कराए गए हैं।

By Dilip Kumar Edited By: Yogesh Sahu Updated: Thu, 10 Oct 2024 08:14 PM (IST)
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झारखंड पर्यटन व विद्युत निगम के खाते से 100 करोड़ की हेराफेरी मामले में जेल भेजे गए चारों आरोपित।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (जेटीडीसी), झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व झारखंड ऊर्जा उत्पाद निगम लिमिटेड के खाते से करीब 100 करोड़ की हेराफेरी मामले में हिरासत में लिए गए चारों आरोपितों को सीआईडी ने गुरुवार को जेल भेज दिया।

इन आरोपितों में जेटीडीसी के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह, केनरा बैंक निफ्ट हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, साजिशकर्ता बोकारो के रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार तथा रांची के डिबडिह निवासी लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश शामिल हैं।

गिरजा प्रसाद सिंह बिहार के पटना जिले के रूपसपुर थाना क्षेत्र में बेली रोड मकान संख्या 339 के निवासी हैं। अमरजीत कुमार रांची के हटिया में लटमा रोड प्रेम नगर के हरगोपाल अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 103 के निवासी हैं।

रूद्र सिंह बोकारो के सेक्टर 8ए स्ट्रीट नंबर 11 में मकान संख्या 2053 तथा लोकेश रांची के डिबडिह स्थित अपर दाउदनगर के निवासी हैं।

इस पूरे मामले की जांच कर रही एसआईटी ने इन चारों की निशानदेही पर 85 लाख रुपये नकद, 15 लाख रुपये के सोने के जेवरात की बरामदगी की थी। इसके अलावा विभिन्न बैंकों में पड़े 39.70 करोड़ रुपये फ्रीज कराया था।

आरोपितों पर झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के खाते से 10 करोड़ 40 लाख रुपये, झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के खाते से 65 करोड़ 50 लाख रुपये, व झारखंड उर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खाते से 40.50 करोड़ की निकासी का आरोप है।

अब इस केस में भी ईडी एंट्री को तैयार

मिड डे मील के 100 करोड़ की हेराफेरी के बाद अब इस केस में भी ईडी एंट्री को तैयार है। ईडी ने झारखंड पर्यटन व विद्युत निगम के खाते से 100 करोड़ की हेराफेरी मामले से संबंधित कागजातों की आंतरिक जांच शुरू कर दी है।

बहुत जल्द ही इस मामले में भी ईसीआइआर कर ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी। इससे पूर्व ईडी ने मिड डे मील के 100 करोड़ रुपये से अधिक की गलत तरीके से निजी खातों में हस्तांतरण मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच के क्रम में आधा दर्जन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

ईडी ने उस प्रकरण में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति को भी जब्त की थी। अब इस मामले में भी ईडी की एंट्री के बाद नए तथ्य सामने आएंगे और आरोपितों पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत घेरा कसेगा।

एसआईटी की जांच के घेरे में आएंगे कई और

डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में गठित एसआईटी की जांच के घेरे में कई और आएंगे। चार आरोपित जेल भेजे गए हैं। इनसे संबद्ध व रुपयों की हेराफेरी में झारखंड पर्यटन व विद्युत निगम के कुछ और अधिकारियों की संलिप्तता के बिंदु पर जांच चल रही है।

सबसे पहले 28 सितंबर को धुर्वा थाने में झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक वित्त ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि फर्जी खाता खोलकर अवैध तरीके से निगम के खाते से 10 करोड़ 40 लाख रुपये की निकासी कर ली गई है।

उन्होंने झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह व आलोक कुमार के अलावा केनरा बैंक निफ्ट शाखा हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार के विरुद्ध कांड दर्ज कराया था। सीआईडी ने इस कांड को टेकओवर करते हुए सीआईडी थाने में चार अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज कर की थी।

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