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Jharkhand: हकमारी के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने को आदिवासी समाज तैयार, मतांतरित आदिवासियों को आरक्षण लाभ से वंचित करने की उठी मांग

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने तो लक्ष्य पूरा होने तक फुलपैंट व शर्ट की जगह धोती-कुर्ता ही पहनने का शपथ ले लिया है। उन्होंने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने वर्षों पहले मतांतरित आदिवासियों को आरक्षण के लाभ से वंचित करने के लिए कानून बनाने का दबाव तत्कालिन कांग्रेस सरकार पर डाला था। परंतु पूरा नहीं हुआ।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Thu, 21 Dec 2023 05:00 AM (IST)
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मतांतरित आदिवासियों को आरक्षण लाभ से वंचित करने की उठी मांग
संजय कुमार, रांची: मतांतरित आदिवासियों को आरक्षण के लाभ से वंचित कराने के लिए अब जनजाति समाज आर-पार की लड़ाई लड़ने को उतारु है। केंद्र और राज्य सरकार पर संबंधित कानून बनाने को दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतने को तैयार हैं। जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक राजकिशोर हांसदा ने कहा है कि वर्षों से मतांतरित आदिवासी सरकार की ओर से मिलने वाले दोहरा लाभ उठा रहे हैं।

अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ से लाभान्वित तो हो ही रहे हैं, जनजातीय समाज को मिलने वाले आरक्षण का लाभ भी उठा रहे हैं। यही कारण है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी आदिवासियों की स्थिति नहीं बदली है। सरकारी नौकरियों में भी मतांतरित आदिवासी भरे हुए हैं।

इसलिए अब मतांतरित आदिवासियों को आरक्षण के लाभ से पूरी तरह वंचित करने की जरूरत है। सरकार पर कानून बनाने को दबाव बनाने के लिए 24 दिसंबर, रविवार को रांची में एक लाख से ऊपर आदिवासी समाज के लोग जुटेंगे। मोरहाबादी मैदान में आयोजित इस डीलिस्टिंग महारैली के माध्यम से सरकार पर कानून बनाने का दबाव डाला जाएगा।

हांसदा ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि अब जनजाति समाज अपने संवैधानिक अधिकार के लिए चुप बैठने वाला नहीं है। जरूरत पड़ने पर दिल्ली में भी विशाल रैली करने को हमलोग तैयार हैं। केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस पर कानून बनाए।

जिस तरह से अनुच्छेद 341 में यह प्रविधान है कि अनुसूचित जाति के लोग यदि मतांतरित हो जाएंगे तो संविधान के अनुसार एससी को मिलने वाले सभी लाभों से वंचित हो जाएंगे, उसी तरह अनुसूचित जनजाति से संबंधित अनुच्छेद 342 में यह प्रविधान शामिल किया जाए कि जनजाति समाज का कोई भी महिला व पुरुष अपनी धर्म, संस्कृति, परंपरा व रीति-रिवाज को छोड़ दे तो उसे भी एससी को मिलने वाली सभी संवैधानिक सुविधाओं से वंचित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस रैली में भाग लेने के लिए पूरे राज्य से लोग आएंगे। वैसे 16 दिसंबर को दुमका में भी रैली का आयोजन हुआ था, परंतु संथाल से भी 24 दिसंबर की रैली में भाग लेने बड़ी संख्या में लोग आएंगे।

... लक्ष्य पूरा होने तक धोती-कुर्ता पहनने की शपथ 

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने तो लक्ष्य पूरा होने तक फुलपैंट व शर्ट की जगह धोती-कुर्ता ही पहनने का शपथ ले लिया है। उन्होंने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने वर्षों पहले मतांतरित आदिवासियों को आरक्षण के लाभ से वंचित करने के लिए कानून बनाने का दबाव तत्कालिन कांग्रेस सरकार पर डाला था। परंतु पूरा नहीं हुआ।

अब राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार इसको लेकर कानून बनाए। हमारे हिस्से की हिस्सेदारी किसी को नहीं दिया जाए। इसके लिए जो भी आंदोलन करना होगा हमलोग करेंगे। जबतक कानून नहीं बनेगा धोती-कुर्ता ही पहनुंगा।

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