Jharkhand Chunav 2024: प्रत्याशियों के साथ आज मतदाताओं की भी परीक्षा, चुनाव के बहाने राज्य को गढ़ने का मिला मौका
झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज 43 सीटों पर वोटिंग हो रही है। झारखंड विधानसभा चुनाव में जनता के पास आज अपनी सरकार गढ़ने का मौका है आज दिया गया वोट आने वाले 5 साल के भविष्य को तय करेगा। इसलिए जनता अच्छा जनप्रतिनिधि चुनने और अच्छी सरकार बनाने के लिए वोटिंग के लिए आगे आए और अपने मताधिकार का प्रयोग करे।
आरपीएन मिश्र, जागरण, रांची। खुद में उम्मीदों-आकांक्षाओं की लंबी शृंखला समेटे झारखंड के निर्माण के ढाई दशक पूरे हो चुके हैं। लंबे संघर्ष से उपजे इस राज्य के जन्मकाल से ही चुनौतियों की भी एक लंबी फेहरिस्त रही है। उम्र के 25वें बसंत की ओर बढ़ते हुए राज्य आज उस पड़ाव पर है, जहां एक बार फिर हमें अपने सपनों को आकार देने वाली और विकास सुनिश्चित करने वाली सरकार चुनने का मौका मिला है।
प्राकृतिक संपदा से संपन्न है झारखंड
झारखंड की छठी विधानसभा कैसी होगी, यह भी इस बात पर ही पूरी तरह निर्भर करता है कि हम उसे कैसा बनाना चाहते हैं। खनिजों, प्राकृतिक संपदा व प्रतिभाओं से संपन्न राज्य का भविष्य गढ़ने का यह अवसर हमें यूं ही नहीं गंवाना चाहिए, बल्कि सोच-समझकर, अच्छा जनप्रतिनिधि चुनकर औऱ अच्छी सरकार बनाकर लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
मतदान समाज के नवनिर्माण की प्रक्रिया
मतदान के उद्देश्य को हम सही मायने में समझें तो यह केवल सरकारों के बनने और प्रत्याशियों की हार-जीत का उपक्रम भर नहीं है, बल्कि समाज के नवनिर्माण की प्रक्रिया है। लोकतंत्र ने हमें यह शक्ति दी है कि हम अपना प्रतिनिधि चुन सकते हैं और सरकारें बना सकते हैं।चुनाव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता, स्टार प्रचारक और प्रत्याशी ताबड़तोड़ प्रचार अभियान चलाकर अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए पूरी ताकत लगाते हैं। अब उनकी इन तमाम कोशिशों की परीक्षा की घड़ी आ चुकी है।
मतदाताओं की भी परीक्षा
प्रत्याशियों की भी रणनीति कितनी कारगर हुई, इसे वोटिंग का रुख तय करेगा। हालांकि, इन सबसे ज्यादा बड़ी परीक्षा मतदाताओं की भी है, क्योंकि उनका प्रतिनिधि कौन बनेगा, यह भी चुनाव में तय होगा और इससे सीधे तौर पर हर मतदाता और उसके परिवार का भविष्य तय होता है। शहरी क्षेत्रों में घटते मतदान प्रतिशत ने हाल के दिनों में चिंता बढ़ाई है। पिछले चुनाव में रांची और जमशेदपुर का प्रदर्शन इस मामले में ठीक नहीं रहा था।
ईचागढ़, बहरागोड़ा, खरसावां, लोहरदगा, घाटशिला जैसे क्षेत्रों में जमकर वोट पड़े थे। मतदान के दिन सभी को हिचक, आलस्य, अन्यमनस्कता व अगंभीरता छोड़कर रिकॉर्ड वोटिंग के लिए आगे आना होगा। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों खासकर महिलाओं का उदाहरण हमारे सामने है, जो यह बताने के लिए काफी है कि अच्छे उद्देश्य के लिए जब कदम बढ़ते हैं तो असर भी दिखाते हैं।
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