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Pappu Yadav Interview: शुरू से BJP के साथ मिले थे चंपई, पप्पू यादव ने किया चौंकाने वाला खुलासा; पूछा- कितने पैसे मिले?

पप्पू यादव ने दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख प्रदीप सिंह से चर्चा के दौरान झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चंपई शुरू से ही बीजेपी से मिले थे। उन्हें बताना चाहिए की सीएम सोरेन के खिलाफ साजिश करने के उन्हें कितने पैसे मिले। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि आदिवासी उन्हें इसका जवाब देंगे।

By Pradeep singh Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sat, 16 Nov 2024 06:40 PM (IST)
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पूर्व सीएम चंपई सोरेन पर बरसे पप्पू यादव
प्रदीप सिंह, रांची। बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में खुद को झोंक रखा है। वे गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में लगातार जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं।

बीते 20 दिनों से वे यहां कैंप कर रहे हैं और इस दौरान 100 से अधिक सभाएं कर चुके हैं। अपनी सभाओं में पप्पू यादव भाजपा को निशाने पर रखते ही हैं, अपने अंदाज में पलटवार भी करते हैं।

असम के मुख्यमंत्री और भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) पर उनकी विवादित टिप्पणी सुर्खियों में रही है। वे अब भी अपनी बात पर कायम हैं। फिलहाल वे संताल परगना की सीटों पर चुनाव प्रचार में जुटे हैं।

सांसद पप्पू यादव से दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख प्रदीप सिंह ने विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की

सवाल: आपका राजनीतिक क्षेत्र बिहार हैं। लेकिन पिछले 20 दिनों से आप लगातार झारखंड में जमे हुए हैं। कुछ खास बात या फिर झारखंड में आप अपना राजनीतिक विस्तार करना चाहते हैं?

जवाब: बिहार और झारखंड का पुराना रिश्ता है। बिल्कुल मां और मौसी जैसा। बिहार मेरे लिए मां समान है तो झारखंड मौसी। कोई अंतर नहीं है भाई साहब दोनों प्रांत में। संविधान भी इसकी इजाजत देता है। प्रधानमंत्री वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं। हमारे लिए तो मां-मौसी और परिवार वाली बात है। झारखंड, बिहार और उत्तरप्रदेश की संस्कृति एक है। झारखंड पीसफुल स्टेट है। लोग गरीब है। मैं यहां घूम रहा हूं इतने दिनों से। जो मिलता है, लोगों से मांगकर खा लेता हूं। ढ़ेरों आदिवासी गांव में लोगों से मांगकर खाना खाया। दाल मिली लेकिन सब्जी नहीं मिली। जो साग-रोटी लोग खाते हैं, वह मैं भी खा लेता हूं उनके साथ।

सवाल: मेरा सवाल राजनीतिक बातों पर केंद्रित है। लेकिन आप तो इसे घूमा रहे हैं?

जवाब: नहीं, नहीं, ऐसी बात नहीं है। देखिए मेरा प्रेम शिबू सोरेन के प्रति है। उनके परिवार के प्रति है। हेमंत सोरेन को तो मारने की कोशिश की गई। कल्पना सोरेन अकेली पड़ गईं। हेमंत सोरेन जब जेल में थे तो चम्पाई सोरेन ने कल्पना सोरेन को कभी नहीं पूछा। चम्पाई सोरेन भाजपा के हाथ में खेल रहे थे। हम इनके साथ खड़े रहे। पालिटिक्स के लिए हम यहां नहीं आए हैं। झारखंड को बचाने के लिए आए हैं। बाहरी लोगों से झारखंड को बचाने के लिए आए हैं। नफरत फैलाने वाले लोगों से बचाने आए हैं। लोगों के मन में हेमंत सोरेन के प्रति प्रेम है। पप्पू यादव देश के बाहर का आदमी नहीं है।

सवाल: देश के बाहर तो असम भी नहीं है। वहां के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा यहां भाजपा के लिए कैंपेन कर रहे हैं तो आप उनपर लगातार गंभीर आरोप लगा रहे हैं?

जवाब: देखिए, मैंने उनके बारे में इसलिए कहा कि वे अमर्यादित भाषा में बोलते हैं। हमने उनका जवाब दिया। मेरे आने और इनके आने में भी अंतर है। मैं झारखंड को बचाने आया हूं और ये लोग झारखंड को लूटने के लिए आते हैं। हम लेने के लिए नहीं आते, लेकिन ये लूटने के लिए आते हैं। भाजपा वालों से तो असम और मणिपुर संभलता नहीं। हरियाणा में जाटों के विरुद्ध अभियान चलाया। हमको इन्हें रोकना है।

हम तो सड़क नाप रहे हैं। मोटर साइकिल से घूमते हैं। हमारे हेलिकॉप्टर को रोकने की कोशिश की गई। राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं। उनका प्रोटोकॉल प्रधानमंत्री से कम नहीं है। भाजपा वाले बताएंगे कि उनका हेलिकॉप्टर डेढ़ घंटे क्यों रोक दिया गया? जो इनके विरुद्ध बोलता है, उन्हें ये देखना नहीं चाहते। चुनाव आयोग को यह सब नहीं दिख रहा है।

सवाल: भाजपा ने घुसपैठ और डेमोग्राफी में बदलाव का मुद्दा उठाया है। चम्पाई सोरेन भी आरोप लगा रहे हैं कि आदिवासियों की माटी, बेटी खतरे में है।

जवाब: अजीब बात है, भाजपा वाले बोलते हैं कि झारखंड मेंलाखों रोहिंग्या आकर बस गए हैं। हमने लोकसभा में सवाल पूछा था तो जवाब मिला कि रोहिंग्या की कुल आबादी लगभग 17 लाख है। 11 साल से ये सत्ता में हैं। इन्हें जवाब देना चाहिए। सच्चाई समझ लीजिए कि इनकी नजर झारखंड के जल, जंगल, जमीन और खनिज पर है।

चंपाई सोरेन आज आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि भाजपा के साथ मिलकर हेमंत सोरेन के खिलाफ साजिश करने के लिए उन्हें कितने पैसे मिले? चंपाई सोरेन ने तो बीजेपी के साथ मिलकर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी कराई। पीठ में खंजर भोंका उन्होंने। चंपाई सोरेन कॉरपोरेट घरानों के इशारे पर चल रहे थे। आदिवासी उन्हें जवाब देगा।

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