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Jharkhand Weather: ठंड से बढ़ी लोगों की परेशानी, अभी तो तापमान में आएगी और गिरावट; इतना रिकॉर्ड किया गया तापमान

Jharkhand Weather झारखंड में ठंड बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से लोगों के जीवन पर का प्रभाव पड़ रहा है। आने वाले समय में ठंड और बढ़ सकती है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि अधिकतम 22 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। व्यवसायियों का कहना है कि इस पूरे महीने दुकानदारी मद्धिम रहेगी। पांच जनवरी के बाद दुकानदारी में सुधार हो सकती है।

By Julqar NayanEdited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 15 Dec 2023 07:38 AM (IST)
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Jharkhand Weather: ठंड से बढ़ी लोगों की परेशानी, अभी तो तापमान में आएगी और गिरावट; इतना रिकॉर्ड किया गया तापमान

जागरण संवाददाता, चतरा। ठंड से फिलहाल छुटकारा नहीं मिलने वाला है। बल्कि यूं कहें कि न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी। आने वाले चार से पांच दिनों के भीतर न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस तक आने का अनुमान लगाया जा रहा है।

गुरुवार को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि अधिकतम 22 डिग्री रिकार्ड किया गया। बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को अधिकतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। बुधवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस था।

22 डिग्री तक रहेगा अधिकतम तापमान

मौसम पूर्वानुमान में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अधिकतम तापमान फिलहाल 22 डिग्री तक ही रहेगा। लेकिन न्यूनतम में गिरावट आएगी और सात डिग्री तक पहुंच सकता है। दिन छोटा कर रहा है। 6:23 बजे सूर्योदय और 5:01 बजे सूर्यास्त हो रहा है।

धूप मद्धिम रह रही है। ठंड की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त है। शाम ढलते ही बाजार में सन्नाटा पसर जा रहा है। सुबह को दस बजे के बाद बाजार में रौनक लौट रही है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे-वैसे शाम ढलने के बाद भीड़ भी कम हो जा रही है।

पूरे महीने दुकानदारी रहेगी मद्धिम

व्यवसायियों का कहना है कि इस पूरे महीने दुकानदारी मद्धिम रहेगी। पांच जनवरी के बाद दुकानदारी में सुधार हो सकती है। स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डा. रंजय कुमार सिंह कहते हैं कि पारा और गिरेगा। ठंड का प्रभाव लगातार बढ़ेगा। न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

उन्होंने कहा कि आने वाले दो चार दिनों के बाद कोहरे की परत और गाढ़ी हो जाएगी। बादल-पानी की भी संभावना से इनकार नहीं कर सकते हैं। इधर ठंड से सबसे अधिक परेशानी गरीब परिवारों को उठानी पड़ रही है। मोटिया मजदूरों के लिए रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। दिन छोटा करने के कारण उन्हें काम भी नहीं मिल पा रहा है।

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