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Jharkhand Weather: 14 दिसंबर तक ऐसा रहेगा मौसम, बारिश ने कुछ किसानों को मुस्काया तो कुछ को मुरझाया; जानिए कैसे?

Jharkhand Weather News झारखंड में बीते दिनों हुई बारिश ने कुछ किसानों के चेहरे पर मुस्कान दी तो कुछ किसानों के चेहरे मुरझा गए। जिन किसानों ने रबी फसल की खेती की थी उनकी फसल में बारिश ने जान फूंकने का कार्य किया। दूसरी ओर जिन किसानों की धान की फसल खेत में लगी हुई थी वह बारिश के प्रभाव से गिर गई।

By Murtaja AmirEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 09 Dec 2023 08:16 AM (IST)
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Jharkhand Weather: 14 दिसंबर तक ऐसा रहेगा मौसम, बारिश ने कुछ किसानों को मुस्काया तो कुछ को मुरझाया; जानिए कैसे?

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। बंगाल की खाड़ी के दक्षीण-पश्चिम क्षेत्र से उठा गंभीर चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर दो दिनों तक रहने के बाद शुक्रवार को मौसम खुला। मौसम के खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली।

इसके पहले शुक्रवार की सुबह आसमान में कुछ देर के लिए धुंध रहा। उसके बाद आसमान में बादलों का आना-जाना लगा रहा। दिन के 12 बजे के बाद कड़ाके की धूप निकली, जिससे लोगों को काफी राहत मिली। हालांकि हल्की-हल्की ठंडी हवा चलने से कंपकंपी बनी रही।

शुक्रवार को कितना रहा तापमान?

मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के मुताबिक शुक्रवार को अधिकतम तापमान 25.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया। गुरुवार की तुलना में अधिकतम तापमान में 6.1 की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान जस का तस रहा। केंद्र की माने तो 14 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहेगा।

इस दौरान सुबह में धुंध या कोहरा रहेगा। इसके बाद आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे। इसके बाद मौसम शुष्क रहेगा। इस दौरान न्यूनतम तापमान में 5-6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जाएगी। बताते चलें कि पलामू जिला मुख्यालय में चक्रवाती तूफान मिचौंग के प्रभाव से बुधवार व गुरुवार को 62.9 मिमी. बारिश दर्ज की गई।

बारिश खुलने के बाद सक्रिय हुए किसान

दो दिनों के बारिश खुलने के बाद किसान सक्रिय हुए। इस बारिश का किसानों पर मिला-जुला प्रभाव रहा। जिन किसानों ने रबी फसल की खेती की थी, उनकी फसल में बारिश ने जान फूंकने का कार्य किया। उनको अब खेतों में पटवन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वहीं, दूसरी ओर जिन किसानों का धान का फसल खेत में लगा हुआ था, वह बारिश के प्रभाव से खेत में गिर गया। जबकि जिन किसानों का धान का फसल कटने के उपरांत खलिहान में पड़ा हुआ था, वह बारिश से भींग गया। बारिश के खुलने के उपरांत बारिश से भींगे धान की फसल को धूप में सुखाने में जुटे हैं।

जबकि दो-चार दिन धूप के बाद खेतों में गिरे धान को किसानों के द्वारा काटा जाएगा। इधर, जिन किसानों का खेत परती रह गया था, वह बारिश से नमी का फायदा उठाते हुए खेत को तैयार करने में लग गए है, जिससे उसमें रबी की पिछात फसल को किया जा सके।

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