Ranchi: न्यूनतम मजदूरी के दायरे में आएंगे ऑनलाइन डिलीवरी ब्वॉय, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा झारखंड
झारखंड देश का पहला राज्य होगा जहां कॉन्ट्रैक्ट या कमीशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी न्यूनतम मजदूरी के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है। झारखंड के विभिन्न जिलों में कार्यरत स्विगी-जोमैटो ओला-ऊबर सहित ऑनलाइन डिलीवरी ब्वॉय भी जल्द ही न्यूनतम मजदूरी के दायरे में लाए जाएंगे। झारखंड सरकार की श्रम विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 15 Oct 2023 01:21 AM (IST)
निर्मल प्रसाद, जमशेदपुर। झारखंड के विभिन्न जिलों में कार्यरत स्विगी-जोमैटो, ओला-ऊबर सहित ऑनलाइन डिलीवरी ब्वॉय भी जल्द ही न्यूनतम मजदूरी के दायरे में लाए जाएंगे। झारखंड सरकार की श्रम विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है।
झारखंड देश का पहला राज्य होगा जहां कॉन्ट्रैक्ट या कमीशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी न्यूनतम मजदूरी के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है।अब तक यह व्यवस्था देश के किसी भी राज्य में नहीं है। श्रम विभाग की ओर से झारखंड राज्य न्यूनतम मजदूरी परामर्शदातृ पर्षद ने एक कमेटी गठित की है।
इसमें श्रमायुक्त संजीव कुमार बेसरा, न्यूनतम मजदूरी के निदेशक राजेश प्रसाद, झारखंड चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय सहित सीटू, बीएमएस व एटक के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
ऐसे तय होगी न्यूनतम मजदूरी
उक्त कमेटी स्विगी-जोमैटो, ओला-ऊबर ड्राइवर, गिग वर्कर, ऑनलाइन डिलीवरी ब्वॉय के काम की परिस्थिति (वर्किंग कंडीशन) के आधार पर इनकी न्यूनतम मजदूरी तय करेगी। झारखंड के विभिन्न जिलों में लगभग 12 लाख ऐसे कर्मचारी हैं और ऑनलाइन डिलीवरी का काम करते हैं।न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ाने की अनुशंसा परामर्शदातृ पर्षद झारखंड में कार्यरत ठेका कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।वर्तमान में अकुशल से अतिकुशल, चार श्रेणी में कर्मचारी को उसकी योग्यता व अनुभव के आधार पर न्यूनतम मजदूरी मिलती है। इसे बढ़ाकर न्यूनतम 504 रुपये करने की अनुशंसा सदस्यों ने पूर्व में की थी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।न्यूनतम मजदूरी का अंतर कम करने की पहल
समिति सदस्यों का कहना है कि केंद्र सरकार के किसी कार्यालय में कार्यरत ठेका सफाई कर्मचारी या मनरेगा कर्मचारियों को प्रतिदिन का 537 रुपये न्यूनतम मजदूरी मिलती है, जबकि ठेका कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों को 352 रुपये मिलते हैं। समिति समान प्रकृति का काम करने वाले मजदूरों की दैनिक मजदूरी के अंतर को कम करने की पहल कर रही है।शहर के आधार पर 3 श्रेणियों में बंटेगी न्यूनतम मजदूरी
शहर के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटी जाएगी न्यूनतम मजदूरी भविष्य में ठेका कर्मचारियों को न्यूनतम मजदूरी उनके कार्यरत शहर के आधार पर मिलेगी। इसके लिए समिति तीन श्रेणियों तैयार कर रही है।इसमें रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो सहित बड़े शहरों में कार्यरत कर्मचारियों को 'ए' श्रेणी में नगर निगम-नगरपालिका व नगर पर्षद में कार्यरत कर्मचारियों को 'बी' जबकि ग्रामीण व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को 'सी' श्रेणी में रखा जाएगा। संबधित शहर के लिविंग ऑफ स्टैंडर्ड के आधार पर उनकी न्यूनतम मजदूरी तय होगी।यह भी पढ़ें: Jharkhand News: हेमंत सोरेन को HC से बड़ा झटका, ED के समन के खिलाफ याचिका खारिज; फिर SC जाएंगे CM! Ranchi: DSP बनने का सपना लिए रिटायर हो रहे झारखंड के इंस्पेक्टर, जेपीएससी के पास अटकी है प्रमोशन की फाइलडिलीवरी ब्वॉय को भी न्यूनतम मजदूरी मिले, इसके लिए श्रम विभाग की ओर से कमेटी गठित की गई है। जिसमें कर्मचारियों के वर्किंग कंडीशन, लिविंग स्टैंडर्ड के आधार पर न्यूनतम मजदूरी तय की जाएगी।
राजेश प्रसाद, निदेशक, न्यूनतम मजदूरी, झारखंड सरकार