एक किडनी नहीं होने के बाद भी जितेंद्र ने की चुनाव ड्यूटी, EC ने बताया 'अनसंग हीरोज'
Jharkhand News ऐसे कर्मी हैं जो लगन के साथ चुनाव ड्यूटी करते हैं। ऐसे भी कर्मी है जो अपनी परेशानियों को अलग रखकर लोकतंत्र के पर्व में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। गुमला के जितेंद्र नारायण शाही उन्हीं कर्मियों में से हैं जिनकी सराहना चुनाव आयोग ने की है। चुनाव आयोग ने एक्स पर पोस्ट कर उन्हें अनसंग हीरोज बताया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। एक तरफ सरकारी कर्मी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। डाक्टरों की फर्जी अनुशंसा बनवाकर या तो स्वयं के बीमार होने का हवाला देते हैं या अपने माता-पिता का। दूसरी तरफ, ऐसे भी कर्मी हैं जो पूरी निष्ठा के साथ हर बार चुनाव ड्यूटी करते हैं। इतना ही नहीं, ऐसे भी कर्मी है जो अपनी परेशानियों को भी अलग रखकर लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं।
ऐसे ही कर्मी हैं गुमला के जितेंद्र नारायण शाही। वे तीन दशकों में कुल 14 बार चुनाव ड्यूटी में अपने कार्यों का निर्वहन किया है। उनका हौसला और जज्बा ही है कि एक किडनी नहीं होने के बाद भी उन्होंने इस बार भी सोमवार को हुए मतदान में पूरी निष्ठा के साथ निर्वाचन संबंधित दिए गए कार्यों को पूरा किया।
जज्बे की सराहना चुनाव आयोग ने एक्स पर ट्वीट कर की
उनके इस जज्बे की सराहना भारत निर्वाचन आयोग ने भी एक्स पर ट्वीट कर की है। साथ ही उन जैसे कर्मियों को अनसंग हीरोज विशेषण से नवाजा है। निश्चित रूप से आयोग का यह ट्वीट बाकी मतदान कर्मियों के लिए भी हौसला अफजाई करने वाला है। जितेंद्र शाही जी के बारे में आयोग ने जिक्र किया है वे पिछले 14 चुनावों में मतदान ड्यूटी कर चुके हैं।दरअसल, जिस वीडियो को आयोग ने ट्वीट किया है उस वीडियो में स्वयं जितेंद्र शाही भी ऐसा ही बताते हुए कह रहे हैं कि उनकी एक किडनी वर्ष 2007 में ही ऑपरेशन से हटा दी गई थी। इसके बावजूद तब से अब तक उन्होंने कभी भी स्वास्थ्य का हवाला देते हुए चुनाव ड्यूटी से मुक्ति के लिए आवेदन नहीं किया है।
चुनाव को इस प्रकार प्राथमिक कार्य मानने वाले जितेंद्र के इस वीडियो को ट्वीट करते हुए निर्वाचन आयोग ने मतदान कर्मियों के योगदान को रेखांकित किया है।ये भी पढ़ें- झारखंड में दो अधिकारियों पर गिरी गाज, विभाग ने किया निलंबित; पढ़ें क्या है पूरा मामला
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