Jharkhand Politics : चमरा लिंडा के एक्शन से JMM में खलबली, पार्टी ने दे दी चेतावनी- नामांकन वापस लो नहीं तो...
Chamra Linda बिशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने पार्टी से बगावत कर ली है। उन्होंने बुधवार को लोहरदगा में पार्टी नेतृत्व की इच्छा के विरुद्ध नामांकन कर दिया। वह यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उनके इस फैसले से पार्टी नाराज है। पार्टी ने यह भी कह दिया कि अगर उन्होंने नामांकन वापस नहीं लिया तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics : झारखंड में सत्तारूढ़ क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के लिए उसकी अपनी ही पार्टी के विधायक मुसीबत बनते दिख रहे हैं। झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की बड़ी बहू विधायक सीता सोरेन ने इसकी शुरूआत की।
लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही उन्होंने पार्टी को झटका दिया। उन्होंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय किया। भाजपा ने उन्हें दुमका से घोषित प्रत्याशी को हटाकर चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की। फिलहाल वह झामुमो के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।
अब इन दो विधायकों ने बढ़ाई पार्टी की परेशानी
अब पार्टी के दो अन्य विधायकों चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम की चाल टेढ़ी हो गई है। चमरा लिंडा बिशुनपुर से पार्टी के विधायक तो हैं लेकिन वे पार्टी लाइन से अलग चलने में माहिर हैं।शीर्ष नेतृत्व का भी उनपर ज्यादा नियंत्रण नहीं रहता। वह अपनी पसंद से खुद की राजनीतिक दिशा तय करते हैं।चमरा लिंडा के रुख से झामुमो के रणनीतिकार भी परेशान हैं। बुधवार को उन्होंने लोहरदगा में पार्टी नेतृत्व की इच्छा के विरुद्ध नामांकन कर दिया।
शेयरिंग के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है और महागठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर यहां से सुखदेव भगत चुनाव लड़ रहे हैं। अब चमरा लिंडा उन्हीं के विरुद्ध मैदान में खड़े हैं।
आरंभ में झामुमो ने क्षेत्र में अपने विधायकों के ज्यादा होने का हवाला देते हुए लोहरदगा संसदीय सीट पर दावेदारी की थी, लेकिन बात नहीं बनी।दूसरी ओर, बोरियो के झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम भी कुछ ऐसी ही चुनौती पेश कर रहे हैं। वे झामुमो के शीर्ष नेतृत्व खासकर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की आलोचना करने का एक भी मौका नहीं चूकते। पहले उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें राजमहल से प्रत्याशी बनाएगी, लेकिन बात नहीं बनी।
झामुमो ने भी अपने निवर्तमान सांसद विजय हांसदा पर भरोसा जताया। ऐसे में लोबिन चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं। दल में बागियों की बढ़ती तादाद ने झामुमो के शीर्ष नेतृत्व को असहज भी किया है।हालांकि पार्टी नेतृत्व इनके विरुद्ध कार्रवाई से बच रहा है। कहा जा रहा है कि दोनों विधायकों का रुख देखते हुए निर्णय किया जाएगा।
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