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Jharkhand politics: 'BJP को हेमंत फोबिया, हार गए तो...', जेपी नड्डा के आरोपों पर JMM का पलटवार

झारखंड में बाबूलाल मरांडी के संकल्प यात्रा के समापन समारोह में जेपी नड्डा शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने हेमंत सोरेन की सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस पर अब झामुमो ने पलटवार किया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के नेताओं को सपने में भी हेमंत सोरेन दिखाई देते हैं। हेमंत फोबिया हो गया है।

By Pradeep singhEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 28 Oct 2023 09:32 PM (IST)
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'BJP को हेमंत फोबिया, हार गए तो...', जेपी नड्डा के आरोपों पर JMM का पलटवार

राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आरोपों पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार किया है। मोर्चा के महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के नेताओं को सपने में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिखाई पड़ते हैं। उन्हें हेमंत फोबिया हो गया है।

उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने इन्हें सबक सिखाया। आगामी चुनावों में तो इनका झारखंड से पूरी तरह सफाया हो जाएगा। इसी बौखलाहट में भाजपा के नेता हमेशा अनर्गल आरोप लगाते चलते हैं। इन्हें झारखंड की चौहद्दी और संस्कृति की जानकारी नहीं है।

'झूठ को 100 बार दोहराने से वह सच नहीं हो जाता।'

झारखंडियों ने अंग्रेजों को भी मार भगाया था। जिन आरोपों को नड्डा दोहरा रहे हैं, उसकी तो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एसआईटी से जांच तक कराई थी। झूठ को 100 बार दोहराने से वह सच नहीं हो जाता। भाजपा और आरएसएस इसी थ्योरी पर काम करती है।

दरअसल, इन्हें पच नहीं रहा है कि एक आदिवासी कुर्सी पर बैठा है, जो दिन-रात राज्य के लिए काम कर रहा है। भाजपा ने तो अपने दल के आदिवासी नेताओं को दरकिनार कर एक बाहरी छत्तीसगढ़िया के माध्यम से पांच साल तक सत्ता चलाया। झारखंड देश में निचले पायदान पर चला गया।

'भाजपा और आरएसएस को असली चिढ़ आदिवासी से है।'

विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा और आरएसएस को असली चिढ़ आदिवासी से है। वे उन्हें जंगली और वनवासी कहते हैं। भाजपा के नेताओं को आदिवासी अपने गांवों में घुसने नहीं देते।

पांडेय ने दावा किया कि भाजपा के नेता भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में मिट्टी लेने गए थे। मुंडा समाज के लोगों ने इन्हें वहां से भगा दिया। भाजपा के नेताओं को अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए। अलग झारखंड राज्य भीख या सौगात में नहीं मिली है।

झारखंड के लिए गुरुजी के नेतृत्व में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लंबा संघर्ष किया। उसी का परिणाम यह राज्य है। भाजपा केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से हेमंत सोरेन को रोकना चाहती है, लेकिन उनके मंसूबे कभी सफल होने वाले नहीं हैं।

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