Jharkhand Election 2024: चुनाव के बीच JMM का बड़ा एक्शन, झामुमो से सात नेता 6 साल के लिए निष्कासित
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल सात नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। निष्कासित नेताओं में केंद्रीय सदस्य अशोक कुमार मंडल बाघमारा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष अजमुल अंसारी सपन मोदक आलोक रितेश डुंगडुंग रोजालिया शांता कंडूलना बिरीस मिंज और ललन चौधरी शामिल हैं। इसको लेकर पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने पत्र जारी किया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झामुमो ने पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल केंद्रीय सदस्य अशोक कुमार मंडल, बाघमारा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष अजमुल अंसारी और सपन मोदक को पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। इसको लेकर पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने पत्र जारी किया है।
इसी तरह खूंटी से आलोक रितेश डुंगडुंग और सिमडेगा से रोजालिया शांता कंडूलना को भी छह साल के लिए पार्टी से निकाला गया है। रांची के नामकुम के प्रखंड अध्यक्ष बिरीस मिंज और पलामू के पिछड़ा मोर्चा के जिलाध्यक्ष ललन चौधरी को पार्टी के पदों से हटाते हुए छह साल के लिए निष्कासित किया गया है।
झामुमो के आरोप, हेमंत को डेढ़ घंटे रोककर उनकी सुरक्षा से किया गया खिलवाड़
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी के स्टार प्रचारक सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हेलीकाप्टर रोके जाने पर आरोप लगाया है कि उन्हें डेढ़ घंटे रोककर उनकी सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया। सुप्रियो ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का हवाला देकर हेमंत के हेलीकाप्टर को रोक दिया गया, जबकि नियम के अनुसार हेमंत के हेलीकॉप्टर को तय सीमा और परिधि के बाहर से उड़ान भरना था। इस मामले में चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर भी उन्होंने सवाल खड़ा किया है।झामुमो महासचिव ने आरोप लगाया कि यह एक तरह से हेमंत सोरेन को जनता की पहुंच से दूर करने का मामला है। उनकी सुरक्षा से जुड़ा मामला है। उनके अनुसार, झामुमो का मानना है कि इस मामले में हेमंत सोरेन की सुरक्षा को खतरा था। इसके पीछे एक साजिश है, क्योंकि ऐसे इलाके में हेलीकाप्टर को डेढ़ घंटे तक रोका गया जहां संचार का कोई साधन नहीं था। सुप्रियो ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से संज्ञान नहीं लिया। झामुमो पहले से कह रहा है कि चुनाव आयोग और भाजपा में घनिष्ठता है।
झामुमो ने आयोग से पहले ही कहा था कि त्योहारों को देखते हुए चुनाव की तिथियों को आगे बढाया जाए, लेकिन उनकी एक भी नहीं सुनी गई। दूसरी ओर चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में कार्तिक पूर्णिमा को लेकर उपचुनाव की तिथि को आगे बढ़ा दिया है। अयोध्या में भाजपा चुनाव हार गई। फिर से इनको यूपी के उपचुनाव में हार का डर सताने लगा है। इसलिए तिथियों का ये खेल चल रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में जनता ने बता दिया कि राजनीति में अगर धर्म को मिलाएंगे तो, ये जनता को बर्दाश्त नहीं होगा।
झामुमो महासचिव ने कहा कि झारखंड में भी भाजपा नेताओं की ओर से धार्मिक बयान दिए जा रहे हैं। इतना होने पर भी चुनाव आयोग चुप है। पीएम की सुरक्षा के नाम पर पूरे झारखंड को एरियर अरेस्ट करने जैसी स्थिति बनाई गई। उन्होंने कहा हिंदुओं का महापर्व छठ से शुरू हो गया है, एक बड़ी आबादी राज्य से बाहर चली गई है। 12-13 नवंबर को उनको लौटना है। कहा कि इस तरह उनको मताधिकार से वंचित किया जा रहा है। इनकी दूसरी नीति है किसी तरह सीएम को चुनाव प्रचार से रोका जाए।
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