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तो ये है अयोध्या में BJP की हार की बड़ी वजह? झारखंड के इस दिग्गज नेता ने दिया चौंकाने वाला बयान

अयोध्या के राम मंदिर में पानी रिसाव पर देश में सियासत तेज हो गई है। इस बीच झामुमो महासचिव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि अयोध्या में बना रामपथ पहली बारिश में बह गया है। बिना निर्माण मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। भाजपा को आस्था से खिलवाड़ करना महंगा पड़ा।

By Pradeep singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Wed, 26 Jun 2024 10:51 AM (IST)
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तो ये है अयोध्या में BJP की हार की बड़ी वजह? (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा पर आस्था के साथ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अयोध्या में बना रामपथ पहली बारिश में बह गया है। मंदिर के महंथ शैलेंद्र दास ने दावा किया है कि अन्य निर्माण में भी भ्रष्टाचार हुआ है। भ्रष्टाचार का ही परिणाम है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा अयोध्या और उसके आसपास की सीटें हार गई।

उन्होंने कहा कि बगैर निर्माण पूरा किए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। शंकराचार्यों ने भी चेतावनी दी थी। यह सच्चे राम भक्तों का अपमान है। हम भगवान श्रीराम को भीगने नहीं देंगे। जरूरत पड़ी तो कार सेवा देने को भी तैयार हैं। भाजपा को आस्था के साथ खिलावाड़ अब महंगा पड़ने लगा है।

उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भी मंदिर को लेकर भी कुछ बोलना चाहिए। बाबूलाल मरांडी जब सीएम थे कोदाई बांध उद्घाटन के पहले ही बह गया था। रघुवर राज में कोनार डैम को चूहे कतर गए थे। मोमेटम झारखंड का घोटाला भी इसी दौरान हुआ। बिहार में सात दिन में तीन पुल बहे। हरमू नदी को नाला भी भाजपा के शासनकाल में बनाया गया। एनडीए राज में घोटालों की लंबी सूची है। समय आने पर उसे जारी किया जाएगा।

मंदिर उद्घाटन का न्योता ठुकराने वालों को अचानक प्रभु श्रीराम की याद आई - भाजपा

इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के आरोपों पर पलटवार कहते हुए इंडी गठबंधन को रामद्रोही करार दिया। उन्होंने कहा कि सितंबर 2007 में यूपीए की सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एफिडेविट कर रामलला के अस्तित्व को नकारा था और रामायण को काल्पनिक ग्रंथ बताया था। यूपीए के कार्यकाल में लंबे समय तक प्रभु श्रीराम टेंट में विराजमान रहे थे।

उन्होंने कहा कि मंदिर के उद्घाटन समारोह के न्योता को जिस इंडी गठबंधन के लोगों ने ठुकराया हो, आज उन्हें प्रभु श्रीराम याद आ रहे हैं। राम मंदिर में जल रिसाव की बात चार दिन पुरानी है। मंदिर निर्माण समिति के आधिकारिक प्रवक्ता ने बयान देकर स्पष्ट किया कि नाली में अवरोध की समस्या के कारण जमाव हो गया था, जिसे तीन घंटे के भीतर ठीक कर लिया गया। मोर्चा बिना तथ्यों की तहकीकात किए हुए अनर्गल बयानबाजी कर रहा है।

प्रतुल शाहदेव ने आगे यह भी कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को बताना चाहिए कि उनके दल से जुड़े एक पूर्व मुख्यमंत्री ने मोरहाबादी में रावण दहन कार्यक्रम में जाने से क्यों इंकार कर दिया था? क्या उस कार्यक्रम में नहीं जाना प्रभु श्रीराम का अपमान नहीं था? ये लोग सुविधा की राजनीति करते हैं। कभी उनके लिए रावण श्रेष्ठ हो जाता है तो कभी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम याद आ जाते हैं।

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