JSSC Exam: परीक्षा में धांधली को लेकर सड़क पर उतरे छात्र, CBI जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े
JSSC Exam Cancel जेएसएससी की ओर से झारखंड नगरपालिका सेवा संवर्ग प्रतियोगिता परीक्षा 2023 का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में धांधलेबाजी की शिकायत मिली थी। प्रश्न बुकलेट सील नहीं थे। इसके विरोध में शुक्रवार को छात्र संगठनों व अभ्यर्थियों ने राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया। छात्रों ने सीबीआइ जांच व दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की परीक्षा में धांधली और भ्रष्टाचार को लेकर शुक्रवार को छात्र संगठनों व अभ्यर्थियों ने राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया। यह पहली बार नहीं, जब छात्र सड़क पर उतरे।
सैकड़ों छात्र उग्र थे और दोषियों पर कार्रवाई के साथ पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे। इसके पहले अभ्यर्थियों ने मोरहाबादी के आक्सीजन पार्क से राजभवन तक अधिकार मार्च निकाला। नारेबाजी करते हुए राजभवन पहुंचे और यहां प्रदर्शन किया।
घंटों सड़क पर बैठे रहे अभ्यर्थी
इस दौरान अभ्यर्थी घंटों सड़क पर बैठे रहे। इस वजह से सड़क पर जाम लग गया। वहीं, भारतीय मजदूर संघ के प्रदर्शन के कारण भी लालपुर से रातू रोड जाने का रास्ता जाम रहा। इधर, कचहरी चौक तो चारों तरफ से बंद सा हो गया था।
परीक्षा पेपर लीक करने का आरोप
अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा पेपर पहले ही लीक कर दिया गया था। इसलिए इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए। वहीं छात्रों ने कहा कि पांच सेंटरों पर ही परीक्षा रद्द कर दी गई, जबकि पूरे राज्य के सभी सेंटरों की परीक्षा रद्द होनी चाहिए।
छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि प्रतियोगिता परीक्षा में धांधली की निष्पक्ष जांच हो। एक ओर सरकार नकल विरोधी कानून ला रही है। वहीं दूसरी ओर खुलेआम धांधली भी की जा रही है। राजभवन मार्च में छात्र नेता मनोज यादव, योगेश भारती, पुष्पा राज, चंद्रिका महतो, परशुराम मानकी, ऋतिक रजक, अनिल बेदिया सहित सैकड़ों छात्र थे।
क्या है मामला?
बता दें कि 29 अक्टूबर को जेएसएससी की ओर से झारखंड नगरपालिका सेवा संवर्ग प्रतियोगिता परीक्षा 2023 का आयोजन किया गया था। जेएसएससी द्वारा कनीय अभियंता, लैब तकनीशियन, नगर पालिका सेवा की परीक्षा ली गई। अभ्यर्थियों ने इसमें भारी धांधली का आरोप लगाया।
अभ्यर्थियों का कहना है कि कई केंद्रों पर वितरित प्रश्न बुकलेट सील नहीं थे। कई का सीरियल नंबर प्रिंटेड नहीं था। इसे मार्कर या पेन से लिखा गया था। अभ्यर्थियों ने पहले इंटरनेट मीडिया में अभियान चलाकर उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होने के कारण लोग सड़क पर उतरे।
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