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JSSC Paper Leak: सीलबंद लिफाफे को परीक्षा से 15 मिनट पहले खुलना था, फिर कैसे हुआ पेपर लीक? JSSC सचिव का आया बड़ा बयान

झारखंड में इन दिनों JSSC पेपर लीक होने का मामला गरमाया हुआ है। इसकी जांच के लिए राज्‍य सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। इस मामले में जेएसएससी सचिव ने कार्मिक विभाग को स्पष्टीकरण भी भेजा है। उन्‍होंने कहा है कि उनके विरुद्ध कार्रवाई करने से पहले उनका पक्ष भी सुनना चाहिए। उन्‍होंने पेपर लीक में जेएसएससी की भूमिका से भी इंकार किया है।

By Neeraj Ambastha Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 07 Feb 2024 10:49 AM (IST)
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पेपर लीक मामले में जेएसएससी सचिव ने कार्मिक विभाग को भेजा स्पष्टीकरण।
राज्य ब्यूरो, रांची।  झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक होने के मामले में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की सचिव मधुमिता कुमारी ने कार्मिक सचिव को स्पष्टीकरण भेजा है। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा है कि परीक्षा को लेकर आनलाइन आवेदन से लेकर परीक्षा परिणाम जारी करने का कार्य आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा किया जाता है। आयोग को इसकी कोई जानकारी नहीं होती है।

आयोग पर लग रहे आरोप निराधार: सचिव

उन्होंने पेपर लीक की जांच के लिए कार्मिक विभाग से एसआइटी गठित करने का भी अनुरोध किया। आयोग की सचिव ने यह भी कहा है कि परीक्षा लीक मामले में आरोप आयोग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों पर लग रहे हैं। आउटसोर्सिंग एजेंसी से मिलीभगत की भी बात हो रही है, जो निराधार है।

सीलबंद कर यहां से भेजे गए थे पेपर: मधुमिता

उन्होंने कहा है संबंधित एजेंसी द्वारा सीलबंद परीक्षा सामग्री रांची जिला कोषागार को उपलब्ध कराई गई थी। यहां से 22 एवं 23 जनवरी को परीक्षा सामग्री सभी जिलों के संबंधित दंडाधिकारियों को सीलबंद वितरित की गई थी।

सीलबंद परीक्षा सामग्री को सभी परीक्षा केंद्रों पर केंद्राधीक्षक, दंडाधिकारी तथा परीक्षार्थियों की उपस्थिति में परीक्षा शुरू होने से 15 मिनट पहले खोलना था। इसका कितना अनुपालन हुआ इसे लेकर जिलों के नोडल पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।

कार्रवाई से पहले हमारी भी सुनें: सचिव

उन्होंने यह भी कहा कि यदि इसका अनुपालन हुआ तो पेपर लीक में आउटसोर्सिंग एजेंसी की भूमिका हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस परीक्षा के लिए एजेंसी को जून 2023 में कार्य आदेश जारी किया गया था, जबकि वर्तमान अध्यक्ष ने सितंबर 2023 में योगदान दिया है।

उन्होंने उक्त एजेंसी के विरुद्ध अक्टूबर माह से कई कठोर निर्णय भी लिए हैं। उन्होंने पेपर लीक होने में आयोग के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की किसी भी तरह की संलिप्तता से इन्कार करते हुए कहा है कि यदि इस आरोप में उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की जाती है तो उनसे पक्ष भी जाना जाए।

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