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Hemant Kalpana Soren Photos: कल्पना ने हेमंत सोरेन को खरीदकर खिलाई हवा मिठाई, याद आए बचपन के दिन

Hemant Kalpana Soren Photos झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन शुक्रवार को एक अलग ही अंदाज में नजर आए। झारखंड आदिवासी महोत्सव में शिरकत के दौरान दोनों के चेहरे पर मुस्कान बिखरी हुई थी। दोनों ने तस्वीरें भी खिंचवाईं। वहीं कल्पना ने अपने पति के लिए एक युवक से हवा मिठाई भी खरीदी। इस घटना की तस्वीर अब वायरल हो रही है।

By Neeraj Ambastha Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 09 Aug 2024 10:01 PM (IST)
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झारखंड आदिवासी महोत्सव के दौरान कल्पना ने हेमंत सोरेन को हवा मिठाई खाते नजर आए।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड आदिवासी महोत्सव (Jharkhand Adiwasi Mahotsav) के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) और उनकी पत्नी एवं गांडेय विधायक कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) ने पूरे कार्यक्रम का एक साथ लुत्फ उठाया।

राजनीतिक गहमागहमी से दूर दोनों ने हल्के-फुल्के अंदाज में तस्वीरें भी खिंचवाईं। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद जब राज्यपाल को विदाई कर कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री के साथ वापस कार्यक्रम स्थल लौट रहीं थीं तब उन्हें बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान के गेट पर एक आदिवासी युवक हवा मिठाई बेचते हुए दिखा।

मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी की उस पर नजर गई तो मुख्यमंत्री ने खाने की इच्छा जताई। तब कल्पना सोरेन ने हवाई मिठाई खरीदकर हेमंत सोरेन को खिलाई। इस दौरान उनके साथ उपस्थित अधिकारी भी मुस्कुराने लगे। मानो सभी को अपने बचपन के दिन याद आ गए हों।

लगातार तीसरी बार हुआ महोत्सव का आयोजन

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर झारखंड आदिवासी महोत्सव का आयोजन तीसरी बार हुआ है। पहली बार यह आयोजन वर्ष 2022 में मोरहाबादी मैदान में हुआ था। पिछले वर्ष भी दो दिनों के महोत्सव का आयोजन बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में हुआ था।

सीएम ने जताई प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को आदिवासी समाज के लिए अपनी प्रतिबद्धता बताते हुए भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार इनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी।

उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में आदिवासियों की प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि जज, आईएएस, आईपीएस एवं अन्य बड़े पदों पर गिने-चुने आदिवासी ही दिखते हैं।

हमारा आदिवासी समाज कैसे आगे बढ़े, इसके लिए सरकार गंभीरता से पूरा प्रयास कर रही है। इसमें इस समाज की भी भूमिका जरूरी है। उनके कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए सरकार कटिबद्ध है।

भावी पीढ़ी को बेहतर भविष्य देने के लिए कर रहे विकास

हेमंत सोरेन ने कहा कि यह सिर्फ एक महोत्सव मात्र नहीं है, बल्कि यह अपनी प्राचीन और समृद्ध जनजातीय सभ्यता- संस्कृति और विरासत को संजोने, संवारने और देश-दुनिया में पहचान दिलाने का एक प्रयास है।

विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए आदिवासी अपनी सभ्यता और संस्कृति की चमक बिखेर रहे हैं। आदिवासी महोत्सव आदिवासी जीवन दर्शन और कला-संस्कृति को अलग पहचान देने का एक बड़ा माध्यम बनता जा रहा है।

झारखंड के आदिवासी हमेशा संघर्ष करते रहे

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के आदिवासियों को विरासत में संघर्ष मिला है। आदिवासियों ने अपनी सभ्यता-संस्कृति और मान-सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं किया।

जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए लंबा संघर्ष किया। हमारे पूर्वजों ने अन्याय, शोषण एवं देश-राज्य के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। झारखंड सदियों से वीरों और शहीदों की धरती रही है।

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