Kalpana Soren: चंपई सरकार में कल्पना सोरेन को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी? झारखंड में सियासी अटकलें तेज
झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और कैबिनेट विस्तारीकरण से पहले दोनों दलों के नेताओं ने आपस में की बातचीत। इस दौरान कल्पना सोरेन की चंपई कैबिनेट में जगह पक्की होने की बात आ रही सामने। इस बातचीत में दोनों दलों ने तय फार्मूले पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया।
राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के कैबिनेट के विस्तार का खाका लगभग तैयार हो गया है और तैयारियों के अनुसार कांग्रेस कोटे से एक मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को एंट्री तो मिल ही रही है।
झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। कल्पना को मंत्रालय में शामिल करने के सवाल पर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सहमति मिल गई है।
मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर अचानक पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे और उन्होंने जेल में जाकर करीब एक घंटे तक गठबंधन दलों की रणनीति पर विचार-विमर्श किए।
मुलाकात गोपनीय रखी गई
यह मुलाकात गोपनीय रखी गई थी और गुलाम अहमद मीर जब लौटने को हुए तो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी दी।
झारखंड कैबिनेट में पूर्व से तय फार्मूले के अनुसार कांग्रेस कोटे से एक मंत्री को शामिल करना है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इसके लिए विधायक डॉ. इरफान अंसारी के नाम पर मुहर लग गई है।
बैठक में कल्पना सोरेन भी शामिल होंगी
इसके साथ ही कैबिनेट में 12वें मंत्री के तौर पर झामुमो के स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन को शामिल किया जाएगा। कल्पना ने अभी हाल ही में हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में पार्टी की बागडोर संभाली और चुनाव में आशा के अनुरूप सफलता दिलाने में सफल हुईं।
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद लगातार उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को राजनीतिक विरासत सौंपे जाने की बातें की जा रही हैं। अब अगर वह कैबिनेट में शामिल की जाती हैं तो निश्चित तौर पर आनेवाले दिनों में और भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
कुछ सी नेता नियर कल्पना के पक्ष में नहीं
बता दें कि लगभग चार महीने बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा हो सकती है और इस कारण से कुछ वरिष्ठ नेता कल्पना को मंत्री बनने के पक्ष में नहीं है और उनकी जगह पर बैद्यनाथ राम की पैरवी कर रहे हैं।
दूसरी ओर अब यह तय माना जा रहा है कि कांग्रेस कोटे से कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को कैबिनेट से हटाया जाएगा। ऐसी स्थिति में दीपिका पांडे सिंह को भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
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