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Karwa Chauth 2022 Moon Rising Time: रांची में आज कितने बजे दिखेगा चांद? जानें, कैसा रहेगा मौसम?

Karwa Chauth 2022 Ranchi Moon Rising Time सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत करती है और ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करती है। उनके लिए यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि आखिरकार आज की शाम चांद कितने बजे दिखने वाला है और मुहूर्त क्या है। जानें...

By Jagran NewsEdited By: Sanjay KumarUpdated: Thu, 13 Oct 2022 02:35 PM (IST)
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Karwa Chauth 2022 Ranchi Moon Rising Time: रांची में आज चांद दिखने का समय।

रांची, जासं। Karwa Chauth 2022 Ranchi Moon Rising Time आज करवा चौथ है। करवा चौथ पति और पत्नी के बीच के प्रेम को दर्शाने वाला बेहद निष्ठापूर्ण और श्रद्धा भाव से उपवास रखने का त्योहार है। आज पूरे देश में धूमधाम से करवा चौथ के इस त्योहार को मनाया जा रहा है। प्राचीनकाल से महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती चली आ रही हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती है और ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करती है।

रांची में कितने बजे दिखेगा चांद

आज कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी है। इस साल करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग बन रहे हैं, जो इस व्रत का महत्व और बढ़ा रहे हैं। आचार्य प्रणव मिश्रा के अनुसार, इस साल करवा चौथ पर शुभ संयोग बन रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ के दिन चंद्र देव रोहिणी नक्षत्र में उदय होंगे। मान्यता है कि इस नक्षत्र में व्रत रखना बेहद शुभ होता है। इस नक्षत्र में चंद्र देव के दर्शन से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। आज झारखंड की राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में चंद्रोदय का समय 8 बजकर 14 मिनट बताया गया है। अगर मौसम साफ रहा तो लोगों को चंद्रमा का दर्शन निर्धरित समय पर होने की पूरी उम्मीद है। हालांकि, मौसम विभाग की मानें तो, मौसम साफ रहने की उम्मीद है।

क्या है शुभ मुहूर्त

आचार्य के प्रणव मिश्रा अनुसार, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त चंद्रोदय रात्रि 7:54 के बाद है। वहीं चंद्रमा को अर्घ देने का समय रात 9:30 तक रहेगा।

क्यों किया जाता है करवा चौथ

पौराणिक काल से यह मान्यता चली आ रही है कि पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्यवान को लेने जब यमराज धरती पर आए तो सत्यवान की पत्नी ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगने की प्रार्थना की। उसने यमराज से कहा कि वह उसके सुहाग को वापस लौटा दें। मगर यमराज ने उसकी बात नहीं मानी।

इस पर सावित्री अन्न जल त्यागकर अपने पति के मृत शरीर के पास बैठकर विलाप करने लगी। काफी समयि तक सावित्री के हठ को देखकर यमराज को उस पर दया आ गई। यमराज ने उससे वर मांगने को कहा। इस पर सावित्री ने कई बच्चों की मां बनने का वर मांग लिया। सावित्री पतिव्रता नारी थी और अपने पति के अलावा किसी के बारे में सोच भी नहीं सकती थी तो यमराज को भी उसके आगे झुकना पड़ा और सत्यवान को जीवित कर दिया। तभी से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं सावित्री का अनुसरण करते हुए निर्जला व्रत करती हैं।

क्या है करवा चौथ करने की वजह

करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से देश के उत्तर और पश्चिम राज्यों की महिलाएं रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल से ही इन राज्यों के पुरुष सेना में काम करते आ रहे हैं और पुलिस में भर्ती होते रहे हैं। तो इनकी सलामती के लिए इन राज्यों की महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती हैं। जिससे कि उनके पति की दुश्मनों से रक्षा हो सके और उनकी आयु लंबी हो। वहीं जिस वक्त यह त्योहार मनाया जाता है उन दिनों में रबी की फसल यानी गेहूं की फसल बोई जाती है। कुछ स्थानों पर महिलाएं करवा में गेहूं भी भरकर रखती हैं और भगवान को अर्पित करती हैं। ताकि उनके घर में गेहूं की शानदार फसल पैदा हो।

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