Jharkhand के इस इलाके में 3 सालों से नहीं मिल रहा Kerosene तेल, बिजली की सप्लाई भी कम; कार्डधारी परेशान
बीते तीन सालों से कोयलांचल के तमाम पीडीएस डीलरों के दुकानों में केरोसिन तेल का आवंटन नहीं हो रहा है और इस कारण ग्रामीण इलाकों के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के इस मौसम में बिजली की सप्लाई भी कम हो रही है और इस कारण अब ग्रामीण इलाकों में केरोसिन की मांग भी ज्यादा होने लगी है।
संवाद सूत्र, (रामगढ़)। कोयलांचल के तमाम पीडीएस डीलरों के दुकानों में विगत तीन सालों से केरोसिन का आवंटन नहीं हो रहा है, जिसके कारण खासकर ग्रामीण इलाकों के लोग परेशान है।
गर्मी के इस मौसम में बिजली की सप्लाई कम होने के कारण अब ग्रामीण इलाकों में केरोसिन की मांग होने लगी है, लेकिन किसी भी डीलर के पास चार साल से केरोसिन का आवंटन हो ही नहीं रहा है।
इतनी हो गई है केरोसिन तेल की कीमत
वहीं डीलरों के मुताबिक केरोसिन प्रति लीटर 70-80 रुपये पहुंच गया है। ज्यादा मंहगा होने के कारण कार्डधारियों की मांग भी काफी कम हो गया है। वही बसंतपुर व केदला के कार्डधारियों ने बताया कि तेल लेने के बाद सब्सिडी का पैसा नहीं आता है।
लेकिन घर में केरोसिन नहीं रहने के कारण बिजली जाने के बाद मोमबत्ती का सहारा लेना पड़ता है, जो काफी मंहगा साबित हो रहा है। वहीं बाला महुआ गांव के ग्रामीणों ने बताया कि बितली कटने के बाद गांव में मोमबत्ती नहीं मिलती हैं, जिसके कारण रात अंधेरे में गुजारना पड़ता है।
डीलरों ने क्या कहा?
वही कई डीलरों ने बताया कि दो साल पूर्व हमलोग जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आवेदन देकर केरोसिन उपलब्ध कराने की काम किया था, लेकिन उन मांगों की अनदेखी की गई। वही इस संबंध में डीएसओ रंजीता टोप्पो ने संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन मोबाइल की घंटी बजने के बाद भी संपर्क नही हो सका।
बंसतपुर के पूर्व पंसस ने ये कहा
बसंतपुर के पूर्व पंसस गणेश किस्कू ने कहा कि हमारे पंचायत में ग्रामीणों के बीच केरोसिन तेल उपलब्ध होना चाहिए था। ग्रामीण इलाकों में जब बिजली का खंभा या ट्रांसफार्मर जल जाता है, तो ग्रामीण रात में अंधेरे में रहने को विवश हो जाते है।
खासकर बाला महुआ जो झूमरा पहाड़ पर बसा हुआ है। गरीबी के कारण मोमबत्ती भी घर में नही जला पाते है। सरकार को इसपर विचार का पुन: केरोसिन डीलरों के माध्यम से देना चाहिए।
इचाकडीह पंचायत के मुखिया ने ये बताया
इचाकडीह पंचायत के मुखिया रमेश राम ने बताया कि कांग्रेस सरकार जब केंद्र में थी, तो उस समय केरोसिन तेल 15 रूपये लीटर मिल जाता था। भाजपा की सरकार आने के बाद केरोसिन तेल की कीमत आसमान छू लिया।
गरीबों के बीच केरोसिन का वितरण बंद होना किसी भी मायनों में ठीक नही रहा। बिजली जाने के बाद इचाकडीह सहित जिटराटुंगरी के ग्रामीण रात में अंधेरे में रहने को विवश है।
बसंतपुर पंचायत के पूर्व उपमुखिया ने क्या बताया
बसंतपुर पंचायत के पूर्व उपमुखिया दयाल कुमार महतो ने बताया कि डीलरों के बीच केरोसिन तेल का नही आना ग्रामीणों के लिए काफी दुखदायी है। ग्रामीणों के घर में केरोसिन तेल होना बेहद जरूरी है। सरकार को कम से कम 20 रूपये लीटर तेल गरीबों के बीच उपलब्ध कराना चाहिए।
सोनडीहा पंचायत के पूर्व मुखिया राधेश्याम महतो ने कहा कि केरोसिन की तेल का दाम सरकार ने काफी बढ़ा दिया, जिसके कारण ग्रामीणों के बीच केरोसिन की खपत कम हो गया। वैसे दो साल पूर्व मेरे कार्यकाल में मंहगा होने के बाद भी डीलरों से केरोसिन की मांग कार्डधारियों द्धारा किया जाता था। कांग्रेस सरकार के समय तेल की किल्लत नही थी।
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