जानें कौन थे कोल विद्रोह के महानायक वीर बुधु भगत, जिनसे कांपते थे अंग्रेज और जमींदार
Veer Budhu Bhagat भगत के नेतृत्व में हजारों हथियारबंद योद्धाओं के विद्रोह से अंग्रेज सरकार और जमींदार जागीरदार कांप उठे और उन्हें पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा की गई परंतु कोई भी इनाम के लालच में नहीं आया।
By Madhukar KumarEdited By: Updated: Thu, 17 Feb 2022 05:40 PM (IST)
गुमला, जासं। कोल विद्रोह के महानायक अमर शहीद वीर बुधु भगत की जयंती के अवसर पर बाईपास रोड बम्हनी चौक का नामकरण "अमर शहीद वीर बुधु भगत चौक" किया गया । इस अवसर पर खोरा पंचायत के मुखिया सरोज उरांव एवं पुगु पंचायत के मुख्य बुद्धू टोप्पो ने संयुक्त रूप से शहीद के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि कोल विद्रोह के महानायक वीर बुधु भगत का जन्म 17 फरवरी 1792 को रांची जिला के चान्हो प्रखंड के सिलगाई गांव में हुआ था। वे आदिवासी समुदाय के उरांव जाति के थे।
वीर बुधु भगत को दी गई श्रद्धांजलिमुगल काल में बहुत से व्यापारी और अन्य लोगों का छोटा नागपुर में प्रवेश हुआ और आदिवासियों के शोषण की शुरुआत हुई उनके खिलाफ लड़ाई लड़े थे। इस अवसर पर पूर्व विधायक मांडर सह आदिवासी महासभा के संयोजक देव कुमार धान ने कहा कि आदिवासियों के प्राचीन भूमि व्यवस्था के अनुसार जमीन का कोई मालिक नहीं होता था और ना ही जमीन के लिए व्यक्ति विशेष को जमीन का पट्टा दिया जाता था।हंदू भगत ने कहा कि वीर बुधु भगत गोरिल्ला युद्ध में निपुण थे। इसका फायदा उठाकर कई बार आदिवासी योद्धाओं ने अंग्रेजी सेना को परास्त किया था। भगत के नेतृत्व में हजारों हथियारबंद योद्धाओं के विद्रोह से अंग्रेज सरकार और जमींदार, जागीरदार कांप उठे और उन्हें पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा की गई परंतु कोई भी इनाम के लालच में नहीं आया। मौके पर रूप से शिवशंकर उरांव, सनिया उरांव,जीतराम उरांव, संध्या उरांव संदीप उरांव, बुद्धुराम उरांव, सरस्वती कुमारी, स्तुति लकड़ा, किरण कुमारी, नीलम कुजुर, आशा उरांव, दुर्गी उरांव, कमला लकड़ा आदि उपस्थित थे।
गुमला, जासं। विकास भवन के सभागार में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सीता पुष्पा ने अधिकारियों के साथ बैठक कर पोषण ट्रैकर एप्प के बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रैकर एप के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्र के लाभुकों का स्वास्थ्य जांच और प्रोफाइल अपलोड होगा। उनकी सभी तरह की जानकारियां एक क्लिक से प्राप्त हो जाएगी। वजन, उम्र आदि की एंट्री के साथ ही एप द्वारा यह बता दिया जाएगा कि वांछित वजन से कितना वजन कम या अधिक है। इससे लाभुक के स्वास्थ्य संबंधी सुधार को दुरुस्त करने में मदद मिलेगा। इससे मैन्यूल कार्य से छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह कार्य सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में किया जाना है। बैठक में स्वयंसेवी संस्था सीकेडी के प्रोजेक्ट कार्डिनेटर अभिषेक आनंद, सीडीपीओ, पर्यवेक्षिका आदि उपस्थित थे।
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