Kodarma News: स्वच्छता सर्ववेक्षण में नंबर-1, हकीकत में फिसड्डी निकल रहे सरकारी शौचालयों में सुविधाएं।
Kodarma News स्वच्छता सर्वेक्षण में झुमरी तिलैया नगर परिषद का बेहतर प्रदर्शन रहा। राज्य भर में अपने वर्ग में झुमरी तिलैया नगर परिषद को पूर्वी जोन में प्रथम स्थान मिला। झुमरी तिलैया 2692 अंक प्राप्त कर पहला स्थान मिला।
By Madhukar KumarEdited By: Updated: Tue, 23 Nov 2021 10:37 AM (IST)
रांची, जासं: स्वच्छता सर्वेक्षण में झुमरी तिलैया नगर परिषद का बेहतर प्रदर्शन रहा। राज्य भर में अपने वर्ग में झुमरी तिलैया नगर परिषद को पूर्वी जोन में प्रथम स्थान मिला। एक लाख से 10 लाख की आबादी वाले कैटेगरी में 14 यूएलबी (अर्बन लोकल बाडी) में झुमरी तिलैया को 2692 अंक प्राप्त कर पहला स्थान मिला। कुल 6 हजार में 2692 अंक प्राप्त हुए। स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान सिटिजन वाइज 1800, सर्टिफिकेशन में 1800 और सर्विस लेबर प्रोग्रेस में 2400 अंक को लेकर मूल्याकंन किया गया था। देशभर में 372 यूएलबी के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण की प्रतियोगिता में पूर्वी जोन में झुमरी तिलैया नगर पर्षद को 12वां रैंक प्राप्त हुआ है। 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में झुमरी तिलैया नगर परिषद को 45वां स्थान मिला था जबकि 2020 में 167वां तथा 2021 में 12वां स्थान प्राप्त हुआ है। दूसरी ओर शहर के शौचालयों की पड़ताल में स्वच्छता की वास्तविक दशा प्रदर्शित होती है। करोड़ों की लागत से बने 90 फीसद से अधिक शौचालय महज ढाई 3 वर्षों में बेकार हो गए हैं। कुछ तो महज केवल ठेकेदारी के उद्देश्य बनाए गए हैं उद्घाटन के वक्त से ही इसमें पानी की व्यवस्था नहीं है।
बिजली-पानी विहीन शौचालय
ओडीएफ जिला घोषित कर कोडरमा जिला प्रशासन भी अपनी पीठ थपथपा रहा है। इसके बाद भी लोग खुले में शौच करते दिख जाते हैं। अब बात करते हैं शहरी क्षेत्र के शौचालयों की। माड्यूलर शौचालय की परिकल्पना को साकार करते हुए नगर पर्षद क्षेत्र में लगभग 2 दर्जन शौचालय जहां-तहां बनाए गए। शौचालयों में पानी और बिजली कनेक्शन न होने की वजह से यह अनुपयोगी हो चुका है। तथा कई में गंदगी का अंबार भी है। सप्ताह में दो से तीन दिन ही इन शौचालय में सफाई होती है। स्थिति यह है कि सभी शौचालय में 200 लीटर की टंकी भी लगी है, लेकिन पानी की व्यवस्था भी नहीं है। ब्लाॅक रोड स्थित शौचालय में 10 दिनों से गेट भी टूटा हुआ है। यहाॅ रहने वाले शंकर राम ने बताया कि नगर पर्षद को इसकी सूचना दी गई है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। वहीं कोडरमा स्टेशन में 3 शौचालय की स्थिति भी यही है। यहां पानी का कोई साधन नहीं है। इसके अलावा अन्य स्थालों के माडलयूअर शौचालय के हाल भी इसी प्रकार के हैं। दरअसल स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो वर्ष पहले नगर पर्षद में माड्यूलर शौचालयों का निर्माण किया गया। पानी का कनेक्शन दिए बिना ही शौचालय बना दिए गए। कई शौचालयों से सेप्टिक पेन से लेकर पानी टंकी तक गायब हो चुकी है।
स्नानघर में लटके हैं ताले, बिरहोर बस्ती के शौचालय में अंदर गेट भी है गायबतीन वर्ष में शहर में लगभग आधे दर्जन सुलभ शौचालय बनाया गया। इसमें सबसे ज्यादा खराब स्थिति में तिलैया बस्ती वार्ड नं0 02 में है। 13 मई 2017 को 14वें वित्तीय आयोग से लगभग 24 लाख 50 हजार की लागत से बनी शौचालय का हाल बेहाल है। यहां अंदर शौचालय में गेट भी गायब है और बेसिन भी पुरी तरह से टुट फुट कर बर्बाद हो चुके है। सहायिका विनीता बिरहोरनी ने बताया कि यहाॅ 42 परिवार में 100 से उपर लोग रहते हैं और सभी निकट के चेक डैम के पास शौचालय जाते हैं। यहाॅ केवल उपर में चार पानी की टंकी लगी हुई है और पानी भी उपलब्ध नहीं है। ठीक इसी के निकट एक किमी के दायरे में पासवान टोला वार्ड नं. 3 में सामुदायिक शौचालय बना। उसमें भी ताला लटका है।
बाजार समिति में बना शौचालय में लटका है तालाझुमरी तिलैया के बाजार समिति में सुलभ इन्टरनेशनल सोशल सर्विस आॅगनाइजेंशन के द्वारा बनाये गये स्नानघर एवं शौचालय के मुख्य द्वारा पर ताला लटका है। विडंबना यह हेै कि प्रतिदिन 6 से 10 ट्रक फल लेकर कश्मीर दिल्ली आंध्र प्रदेश हैदराबाद से आते हैं।इडके अलावा बिहार और झारखण्ड से ट्रक डाईवरों के साथ-साथ जिले के विभिन्न इलाकों में लगभग 20 से 50 गाडियाॅ माल लाने लेजाने का कार्य करती है। ऐसे मे चालक उपचालक के साथ यहां कार्य करने वाले मजदूर को भी परेशानी होती है। ये लोगों बाजार समिति के पीछे और रेल ट्रेक के ईद गिर्द लोटा लेकर शौचालय जाते हैं। स्वच्छ भारत अभियान को लेकर जनप्रतिनिधियों से प्रशासनिक अधिकारियों सामाजिक संगठनों की ओर इस ओर पहल करने की जरूरत है, ताकि झुमरी तिलैया ग्रीन तिलैया क्लीन तिलैया की कैटेगरी में सर्वोच्च स्थान देेश मेें आ सके।
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