Lalu Yadav News: लालू यादव सरकार में स्कूटर और मोपेड से ढोए गए सांड़, बछिया, हाईब्रिड भैंस... पढ़िए चारा घोटाले की कहानी
Lalu Yadav News चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में लालू यादव का एक बार फिर जेल जाना लगभग तय है। 15 फरवरी को सीबीआइ कोर्ट फैसला सुनाने जा रही है। लालू यादव की सरकार में यह चारा घोटाला कैसे अंजाम दिया गया था जानना बेहद दिलचस्प होगा।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Thu, 10 Feb 2022 04:31 PM (IST)
रांची, (मनोज सिंह)। Lalu Yadav News बिहार का बहुचर्चित चारा घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। कई कोषागारों से अवैध तरीके से सरकारी रुपयों की निकासी का यह मामला बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल से जुड़ा है। इस घोटाले के सबसे बड़े मामले में सीबीआइ कोर्ट लालू प्रसाद यादव सहित 99 आरोपितों के भाग्य का फैसला सुनाने जा रही है। सीबीआइ कोर्ट ने इसके लिए 15 फरवरी का दिन तय कर दिया है। सभी को उस दिन कोर्ट पहुंचना है। जेल जाना तो तय माना जा रहा है।
झारखंड में लालू यादव के खिलाफ यह अंतिम मामला सीबीआइ कोर्ट जिस मामले में फैसला सुनाने जा रही वह डोरंडा कोषागार से जुड़ा है। 139.5 करोड़ की अवैध निकासी से संबंधित है। यह मामला झारखंड में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अंतिम मामला है, जिसमें उनका जेल जाना तय माना जा रहा है। मालूम हो कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर झारखंड के देवघर, दुमका, चाईबासा और रांची के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी का आरोप है। इसमें डोरंडा कोषागार मामले में 15 फरवरी को फैसला आने वाला है। शेष कोषागार मामलों में सजा हो चुकी है।
लालू राज में वर्ष 1990 से 1992 के बीच हुआ था यह घोटला डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी की पूरी कहानी की बात करें तो यह काफी दिलचस्प है। यह तो सभी को पता है कि इस घोटाले में लाखों टन भूसा, पुआल, पीली मकई, बदाम खली, नमक आदि स्कूटर, बाइक और मोपेड पर ढोए गए थे, लेकिन दिलचस्प यह है कि हरियाणा से बढ़िया नस्ल के सांड़, बछिया और हाईब्रिड भैंस भी स्कूटर से ही झारखंड लाए गए थे, ताकि यहां अच्छी नस्ल की गाय और भैंसों का उत्पादन किया जा सके। यह खेल वर्ष 1990 से 1992 के बीच का है।
जानिए- सांड़, बछिया, भेंड, बकरा, भैंस कितने में खरीदे गए चारा घोटाले के रिकॉर्ड के अनुसार, 50 सांड़ दो लाख पैंतीस हजार दो सौ पचास, 163 सांड़ और 65 बछिया चौदह लाख, चार हजार आठ सौ पच्चीस में खरीदा गया यानी 16 लाख चालीस हजार रुपये में। इसकी आपूर्ति दिल्ली की कंपनी हिंदुस्तान लाइव स्टाक एजेंसी ने किया था। इसी तरह से बछिया और हाईब्रिड भैसों की कीमत 84 लाख 93 हजार नौ सौ रुपये थी। भेंड़ और बकरा 27 लाख 48 हजार दौ सौ पचास रुपये के खरीदे गए थे।
इन चार आरोपितों पर सीबीआइ ने बताया मास्टर माइंड इस मामले में राजनीतिक आरोपितों में लालू प्रसाद यादव, आरके राणा, जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत का नाम शामिल है। इन पर उच्च स्तरीय षडयंत्र रचने का आरोप है। सीबीआइ की जांच में यह पाया गया है कि पशुपालन विभाग के बजट बनाने में खर्चा 229 प्रतिशत ज्यादा दिखाया गया और फर्जी बिल के आधार पर निकासी की जाती थी। इस मामले में तीन माह में आठ करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी कर ली गई, लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया था, क्योंकि सभी लोगों को मिलीभगत से यह घोटाला चल रहा था।
बजट राशि सरेंडर का साबित करते थे कि सबकुछ सामान्य सीबीआइ के अनुसार, इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि नियमानुसार किसी भी विभाग का बजट बनाने से पहले उसके तीन साल पूर्व के खर्चा का ब्योरा देना पड़ता है, लेकिन पशुपालन विभाग के बजट बनाने में उस कॉलम को ऐसे ही छोड़ दिया जाता था और अपने अनुसार बजट बनाया जा था। यह खेल किसी की पकड़ में नहीं आए, इसलिए बजट की प्रतिशत राशि सरेंडर भी कर दी जाती थी, ताकि लगे कि इस विभाग में सबकुछ सामान्य चल रहा है।
चारा घोटाला के 53 मामले झारखंड में हुए थे दर्ज बहरहाल, चारा घोटाल मामले के कुल 53 मामले झारखंड में दर्ज किए गए थे। इनमें से 52वें मामले में अदालत अपना फैसला सुनाने वाली है। इनमें से मात्र पांच मामलों में राजनीतिक लोगों को आरोपित बनाया गया है, जबकि शेष अन्य में पशुपालन विभाग के अधिकारी, आपूर्तिकर्ता और ट्रेजरी के कर्मचारी शामिल हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।