Lalu Yadav: जज थे शिवपाल सिंह यादव... लालू यादव को एक ही केस में दे दी 14 साल की सजा...
Lalu Lalu Yadav Lalu Prasad yadav चारा घोटाला के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू यादव एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। वजह है दुमका कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल की गई उनकी जमानत याचिका। इस केस में उन्हें 14 साल जेल की सजा मिली।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Wed, 14 Apr 2021 05:56 PM (IST)
रांची, जेएनएन। Lalu, Lalu Yadav, Lalu Prasad yadav चारा घोटाला के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। वजह है दुमका कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल की गई उनकी जमानत याचिका। इस केस में उन्होंने आधी सजा जेल में काटने का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के प्रावधानों के मुताबिक बेल की मांग की है। हालांकि, एक बार उनकी जमानत याचिका उच्च न्यायालय खारिज कर चुका है। लेकिन इस बार लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआइ पर लालू को जेल से नहीं निकलने देने का दबाव बनाते हुए अपने मुवक्किल की जमानत की पूरी तैयारी की है।
इस बीच सीबीआइ की ओर से जमानत के विरोध में अदालत में दाखिल किए गए जवाब में कहा गया है कि इस केस में सीबीआइ की विशेष अदालत, रांची ने उन्हें 14 साल जेल की सजा दी है। दो अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की जेल। कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा चलेगी। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रांची की विशेष सीबीआइ अदालत के जज शिवपाल सिंह यादव के द्वारा लालू प्रसाद यादव को सुनाई गई इस सजा के स्वरूप को देखना-समझना प्रासंगिक हो गया है। आइए देखते हैं जज शिवपाल सिंह ने आखिर लालू को कब, कितनी सजा दी और कितने का जुर्माना लगाया। आखिर उनका आदेश क्या है...
चारा घोटाला : लालू की सबसे बड़ी सजा, 14 साल जेल, 60 लाख जुर्माना
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में रांची की सीबीआइ की विशेष अदालत ने 25 मार्च 2018 को सजा सुनाई थी। इस मामले में लालू प्रसाद को चारा घोटाले के दूसरे मामले यथा चाईबासा कोषागार के दो मामले और देवघर कोषागार का एक मामला से अधिक अबतक की सबसे बड़ी सजा सुनाई गई। इस केस में दो अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल जेल की सजा सुनाई गई है। अदालत ने दोनों धाराओं में अलग-अलग 30 -30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जज शिवपाल सिंह यादव के कोर्ट ने अपने आदेश में लालू प्रसाद यादव को अव्वल दर्जे का साजिशकर्ता, हाई लेवल कांसपिरेटर के रूप में उदृत किया है।
जज शिवपाल सिंह ने कहा था, तबला बजाइए
रांची के विशेष सीबीआइ अदालत में चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में सुनवाई के आखिरी दौर में जज शिवपाल सिंह ने लालू को दो खास बातें कही थीं। जिसका जिक्र अदालत से बाहर खूब हुआ। जज से जब लालू प्रसाद यादव ने कहा कि जेल में बहुत ठंड लगती है। तब जज शिवपाल सिंह ने कहा- तबला बजाइए। जेल में लालू के परिचितों को नहीं मिलने देने कि शिकायत पर जज ने हंसते हुए कहा था कि इसीलिए तो आपको हम अदालत में बुलाते हैं। ताकि आप सबसे मिल सकें। अदालत में हंसी के फव्वारे के बीच जज शिवपाल सिंह ने कहा कि आपके शुभचिंतकों के दूर-दूर से फोन आ रहे हैं।
जज शिवपाल सिंह ने एक ही केस में दो बार सुनाई सजा, दो धाराओं में सात-सात साल जेलसीबीआइ कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जज शिवपाल सिंह यादव की अदालत ने दुमका कोषागार मामले में लालू यादव के साथ कुल 19 दोषियों को सजा सुनाई थी। लालू को आइपीसी की धारा में सात साल जेल और 30 लाख जुर्माना तथा पीसी एक्ट की धारा में सात साल जेल और 30 लाख जुर्माना कोर्ट ने लगाया है। इस तरह लालू प्रसाद यादव को कुल 14 वर्ष जेल की सजा काटनी है। लालू को जुर्माने के तौर पर अदालत में कुल 60 लाख रुपये जमा कराना है। अदालत ने कहा कि आइपीसी और पीसी एक्ट में सुनाई गई सजा अलग-अलग चलेगी।
तब लालू के वकील ने कहा था, हुजूर 70 साल के हैं, कम सजा दीजिएसजा सुनाने के दिन लालू प्रसाद यादव की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। जिसके बाद उन्हें जेल से लाकर रांची के रिम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इस क्रम में सजा के एलान के समय लालू वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुए। तब लालू के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि वे 70 साल के हैं। कई बीमारियां हैं। कम सजा दीजिए। हालांकि जज शिवपाल सिंह यादव ने लालू को कुल 14 साल जेल और 60 लाख जुर्माना की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि लालू यादव अगर जुर्माना नहीं देते हैं तो एक साल और जेल की सजा काटनी होगी।
चारा घोटाला : दुमका कोषागार मामला को जानिएएकीकृत बिहार (बिहार और झारखंड एक साथ) में चारा घोटाला के दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी। जिसके लिए सीबीआइ ने आरसी 38ए/96 केस दर्ज कर अनुसंधान किया। इस मामले में राजद नेता लालू प्रसाद यादव सहित कुल 31 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सीबीआइ कोर्ट ने पांच मार्च को मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद सजा का एलान किया। लालू पर दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से फर्जी वाउचर के जरिये 3.76 करोड़ की अवैध निकासी करने-कराने का दोष सिद्ध हुआ है। ये पैसे जानवरों का चारा, दवा और कृषि उपकरण के नाम पर ट्रेजरी से निकाले गए थे। जब यह निकासी हुई तब लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे।
लालू यादव कुल चार मामलों के सजायाफ्ता, एक और केस में सजा के करीबगरीब-गुरबों की आवाज कहे जाने वाले लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला के कुल चार मामलों के सजायाफ्ता हैं। जबकि एक मामले में सुनवाई लगभग पूरी हो चुकी है। इस मामले में जल्द ही सजा का एलान किया जाएगा। लालू यादव को चाईबासा कोषागार के 2 मामलों में 5-5 साल जेल की सजा मिली है। देवघर कोषागार के एक मामले में लालू को कोर्ट ने साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। जबकि दुमका कोषागार में 7-7 साल की कुल 14 साल की सजा सुनाई गई है। डोरंडा कोषागार मामले में 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का संगीन आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार इस मामले की रोज सुनवाई हो रही है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते फैसले में देरी हो रही है।
कौन हैं जज शिवपाल सिंह यादवरांची के सीबीआइ विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह यादव चारा घोटाला के दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद यादव को दो अलग-अलग धाराओं में कुल 14 साल की सजा सुनाने के बाद देश-विदेश में पहचाने जाने लगे थे। जज शिवपाल सिंह की छवि बेहद ईमानदार न्यायाधीश के रूप में पेश की जाती है। शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के शेखपुर खुर्द के स्थायी निवासी हैं। इस गांव में उनके छोटे भाई सुरेंद्रपाल सिंह यादव सपरिवार रहते हैं।
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