25 वर्ष बाद भी सीबीआइ के हत्थे नहीं चढ़े चारा घोटाले के छह अभियुक्त... जेएनयू छात्र से लेकर शामिल हैं ये कारोबारी...
lalu yadav latest news कहानी चारा घोटाला से संबंधित है। जिस केस में लालू यादव दोषी ठहराए गए हैं उसी केस में सीबीआइ 25 वर्ष बाद भी छह अभियुक्तों को नहीं पकड़ सकी है। इन पर कुर्की-जब्ती से लेकर इनाम तक घोषित किया लेकिन कोई लाभ नहीं मिला।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Fri, 18 Feb 2022 12:22 AM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। बहुचर्चित चारा घोटाले का अनुसंधान कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इस केस के आधा दर्जन से अधिक आरोपितों को 25 साल बाद भी नहीं खोज सकी है। वर्ष 1997 से पूरे मामले का अनुसंधान कर रही सीबीआइ ने सभी फरार आरोपितों को भगोड़ा घोषित कर चुकी है। उनके खिलाफ कुर्की-जब्ती से लेकर उनपर इनाम रखने तक की भी कार्रवाई कर चुकी है, लेकिन कोई सफलता अब तक हाथ नहीं लग सकी है। इनमें कुछ ऐसे भी आरोपित हैं, जिनका नाम व पता फर्जी मिल चुका है।
25 साल से जारी फरार आरोपितों की जारी है तलाश सीबीआइ ने कोर्ट को यह जानकारी दी है कि सभी फरार आरोपितों की तलाश जारी है। उनकी गिरफ्तारी के बाद उनका ट्रायल कराया जाएगा। सीबीआइ ने एक फरार आरोपित फूल सिंह को वांछित अभियुक्त घोषित करते हुए उसके खिलाफ 50 हजार रुपये का नकद इनाम भी घोषित कर रखा है। फूल सिंह मूल रूप से बिहार के बांका जिले का रहने वाला है। सीबीआइ के दस्तावेज के अनुसार फूल सिंह वर्ष 2014 से फरार है। उसे सीबीआइ की अदालत ने गोड्डा कोषागार से 1.16 करोड़ रुपये की फर्जी तरीके से निकासी के मामले में दोषी भी साबित किया था। एक अन्य आरोपित उमाशंकर पांडेय के बारे में सीबीआइ को जानकारी मिली है कि उसने फर्जी पहचान बताई थी, जिसके बारे में अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है।
फरार आरोपितों में एक जेएनयू का तत्कालीन छात्र भी शामिल सीबीआइ सूत्रों के अनुसार, चारा घोटाले में तत्कालीन जेएनयू का एक छात्र रंजय कुमार सिन्हा भी शामिल है, जो अब तक ट्रेसलेस है। वर्ष 1997 से उसकी तलाश चल रही है। वह मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद का बताया जा रहा है। उसके पिता सुरेंद्र नाथ सिन्हा व माता शकुंतला सिन्हा चारा घोटाले के कई मामलों में दोषी साबित हो चुके हैं। सुरेंद्र मेसर्स इंटर फार्मासियुटिकल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रबंध निदेशक थे। उनकी पत्नी शकुंतला सिन्हा की पूर्व में मृत्यु हो चुकी है।
रंजय उनकी इकलौती संतान हैं। रंजय पर आरोप है कि उनके बैंक खाते में 1990 से 1996 के बीच भारी मात्रा में रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ था। सीबीआइ को जानकारी मिली है कि रंजय वर्तमान में पूर्वोत्तर राज्य के एक विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। जब रंजय के खिलाफ पहली बार सीबीआइ ने दस्तावेज के आधार पर यह जानकारी दी थी कि उनके पिता ने चारा घोटाला किया है तो वह बहुत दुखी हुए थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें लगता था कि उनके पिता ने व्यवसाय से हुई आमदनी के रुपये उनके बैंक खाते में भेजा था।
इन्हें सीबीआइ ने घोषित कर रखा है भगोड़ा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- राजेश शर्मा : प्रोपराइटर, मेसर्स आरके ट्रांसपोर्ट।
- चिंता वर्मा : पत्नी अजित कुमार वर्मा, प्रोपराइटर, मेसर्स एके इंटरप्राइजेज, पटना।
- अजित कुमार वर्मा : केयरटेकर, मेसर्स एके इंटरप्राइजेज, पटना।
- राकेश कुमार : पुत्र जेपी वर्मा, केयरटेकर, मेसर्स एसके इंटरप्राइजेज, पटना।
- फूल सिंह : पुत्र उधा सिंह, श्री गौरी डिस्ट्रीब्यूटर भागलपुर के सहयोगी।
- संजय कुमार सिन्हा : निदेशक, मेसर्स इंटर फार्मासियुटिकल्स इंडिया, प्राइवेट लिमिटेड, पटना।
- रंजय कुमार सिन्हा : तत्कालीन जेएनयू विद्यार्थी, जिसके खाते में उसके पिता ने चारा घोटाले का पैसा भेजा।