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झारखंड की इन सीटों से चुनावी ताल ठोकेंगे RJD के महारथी, जानें Lalu Yadav किसे देंगे मौके तो किसका काटेंगे पत्ता?

आईएनडीआईए के सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग लगगभ-लगभग तय हो चुकी है। कांग्रेस ने एक दिन पहले ही 3 लोकसभा सीटों के लिए अपने कैंडीडेट की घोषणा कर दी है। अब महागठबंधन का प्रमुख दल राजद भी अपनी दो सीट पलामू और चतरा को लेकर आश्वस्त है। चतरा से सत्यानंद भोक्ता राजद उम्मीदवार नहीं होंगे। हालांकि उनकी जगह उम्मीदवार कौन होगा? यह अबतक तय नहीं है।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 28 Mar 2024 07:00 PM (IST)
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झारखंड की चतरा और पलामू सीटों से चुनावी ताल ठोकेंगे RJD के महारथी। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। महागठबंधन में राजद को चतरा सीट मिली तो वहां के पार्टी प्रत्याशी सत्यानंद भोक्ता नहीं होंगे। उनका पत्ता कट गया है। चतरा से राजद के प्रत्याशी कौन होंगे, इसपर अभी सहमति नहीं बनी है। वहीं, पलामू सीट के लिए राजद ने ममता भुइयां के नाम पर पहले से ही मुहर लगा रखी है।

महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर पटाक्षेप होने के करीब है। कांग्रेस ने एक दिन पहले अपने तीन लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। अब महागठबंधन के प्रमुख दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी अपनी दो सीट पलामू व चतरा को लेकर आश्वस्त हो चुका है।

शुक्रवार को पत्ते खोलेगा राजद

राजद का केंद्रीय नेतृत्व शुक्रवार को इस संबंध में अपना पत्ता खोलेगा। पार्टी के झारखंड प्रदेश के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें शीर्ष नेतृत्व से यह स्पष्ट तौर पर कह दिया गया है कि झारखंड में राजद को महागठबंधन में दो सीटें मिल रही हैं, जिनमें पलामू व चतरा सीट शामिल हैं।

राजद ने 4 सीटों पर ठोंका था दावा

पहले राजद ने झारखंड में चार लोकसभा सीटों पर अपना दावा किया था। इन सीटों में पलामू, चतरा, कोडरमा व गोड्डा सीट शामिल था। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व महागठबंधन के नेताओं के साथ आपसी विचार-विमर्श में सिर्फ दो सीट पलामू व चतरा पर ही सहमति बन सकी है, जिसपर जल्द ही राजद अपने प्रत्याशी की घोषणा करेगा।

भोक्ता के करीबी हैं भाजपा प्रत्याशी कालीचरण!

भाजपा ने चतरा लोकसभा सीट के लिए कालीचरण सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। कालीचरण सिंह के प्रत्याशी बनाए जाने पर राजद झारखंड में यह चर्चा तेज है कि कालीचरण सिंह झारखंड सरकार के मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेहद करीबी हैं। मंत्री सत्यानंद भोक्ता का पत्ता कटने के पीछे के कारणों में एक कारण यह भी है कि दो दोस्त आमने-सामने कैसे चुनाव लड़ेंगे।

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